नई दिल्ली/ लखनऊ: मुलायम और अखिलेश में गृहयुद्ध जारी है. घर के झगड़े में समाजवादी पार्टी और चुनाव चिन्ह साइकिल का क्या होगा ये कहना किसी के लिए संभव नहीं है. मुलायम अध्यक्ष पद चाहते हैं तो अखिलेश अध्यक्ष बने रहने पर अड़े हुए हैं. पार्टी पर दावेदारी की रस्साकशी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. इस बीच मुलायम ने अपने चचेरे भाई पर बड़ा आरोप लगाया है.
लखनऊ में समाजवादी पार्टी के दफ्तर पहुंचे मुलायम सिंह यादव ने चचेरे भाई रामगोपाल पर पार्टी तोड़ने की कोशिश का आरोप लगया और कहा कि वो नहीं टूटने देंगे पार्टी. मुलायम ने जब ये बात कही उस वक़्त शिवपाल यादव भी लखनऊ में पार्टी कार्यालय में मौजूद थे.
दूसरी ओर बाप-बेटे के झगड़े पर कांग्रेस की पैनी नजर है और इस झगड़े के नतीजे से ही गठबंधन के दरवाज़े खुलेंगे या बंद होंगे.
सूबह में ये खबरें थी कि आज मुलायम को दिल्ली आना है, लेकिन दोपहर होते-होते उनका दिल्ली आना टल गया. इसी तरह ये खबर भी थी कि मुलायम लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे, लेकिन बाद में वो भी टल गया.
LIVE UPDATE:
# लखनऊ में समाजवादी पार्टी के दफ्तर पहुंचे मुलायम सिंह यादव, चचेरे भाई रामगोपाल पर लगाया पार्टी तोड़ने की कोशिश का आरोप, बोले- हम नहीं टूटने देंगे पार्टी
# पार्टी के कार्यकर्ताओं से बोले मुलायम सिंह मेरे पास जो था वो सब देश का है. और मेरे पास क्या है? आप सब हैं
# समाजवादी पार्टी के दफ्तर में कार्यकर्ताओ से मुलायम सिंह ने कहा कि पार्टी को टूटने नहीं देंगे
# मुलायम-शिवपाल लखनऊ में पार्टी कार्यालय पहुंचे
# रामपुर में आज एक बजे आज़म खान कार्यकर्ताओं की मीटिंग करेंगे. सपा के दंगल के बीच आज़म की मीटिंग अहम मानी जा रही है.
# सूत्रों का कहना है कि समाजवादी पार्टी के संग्राम पर कांग्रेस करीबी नज़र बनाए हुई है. अगर अखिलेश अलग लड़े और पार्टी का निशान साइकिल न भी मिले तो भी गठबंधन की संभावनाएं ज़्यादा हैं. अगर पिता और पुत्र में समझौता हुआ तो गठबंधन होने की संभावना न के बराबर रह जाएंगी, क्योंकि मुलायम गठबंधन से इनकार कर चुके हैं.
आपको बता दें कि परसों चुनाव आयोग साइकिल चुनाव चिन्ह पर सुनवाई करेगा. तब तक समाजवादी दंगल कहां जाएगा किसी को पता नहीं. मुलायम कैंप के गायत्री प्रजापति ने परसों शाम को ही पिता-पुत्र की फोन पर बात कराई. इस बातचीत में अखिलेश ने कहा, ‘’साइकिल चुनाव चिन्ह बचाना है, इसलिए आप चुनाव आयोग से ज्ञापन वापस ले लीजिए.’’
इसी के बाद मुलायम नरम पड़ गए, लेकिन कल सुबह जब अखिलेश मुलायम की मुलाकात हुई तो मामला पलट गया. समाजवादी सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव के साथ बैठक में मुलायम सिंह ने कहा-
- तुम ही उम्मीदवार फाइनल करो
- सीएम का चेहरा भी तुम ही रहो
- अमर कह चुके हैं कि वो पार्टी छोड़ देंगे
- शिवपाल कह चुके हैं चुनाव नहीं लड़ेंगे
- बस तुम मुझे अध्यक्ष रहने दो
कुछ इसी अंदाज में मुलायम ने अखिलेश से फरियाद की. बेटे के साथ डेढ़ घंटे की बैठक में उनका पूरा जोर केवल एक बात पर रहा कि अखिलेश उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए खतरा ना बनें, लेकिन बैठक में अखिलेश ने ऐसी शर्त रख दी कि जो मुलायम को मंजूर नहीं हुआ.
- अखिलेश- आप अध्यक्ष बन जाइएगा लेकिन ढ़ाई महीने बाद. तब तक चुनाव भी खत्म हो जाएंगे.
- मुलायम- तुम्हारी ये शर्त मुझे ढाई घंटे भी कबूल नहीं.
- मुलायम- तुम्हारी सारी बातें मान ली अब अगर सम्मान भी नहीं दे सकते तो मुझे तुम्हारी शर्त मंजूर नहीं.
- मुलामय- याद रखो जब तुम लोकसभा चुनाव हारे थे तो हम पर भी तुम्हें हटाने का बहुत दबाव था, लेकिन हमने तुम्हें मुख्यमंत्री बनाया.
सूत्रों के मुताबिक, अध्यक्ष पद को लेकर हुए इस टकराव से पहले अखिलेश यादव ने चिंता जताई कि चुनाव आयोग साइकिल चुनाव चिन्ह जब्त कर सकता है. इसके जवाब में मुलायम सिंह ने तल्खी से कहा कि तुम रामगोपाल यादव से कहो कि वो चुनाव आयोग से अपना ज्ञापन वापस ले ले.
सूत्रों के मुताबिक, मुलायम की ये मांग अखिलेश ने ठुकरा दी. अब बस इंतजार है कि 13 तारीख यानी परसों चुनाव आयोग साइकिल चुनाव चिन्ह पर क्या रुख अपनाता है.
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