अखिलेश और मेरे बीच कोई मतभेद नहीं, केवल 'एक शख्स' SP में पैदा कर रहा है समस्याएं: मुलायम सिंह यादव
नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह 'साइकिल' पर कब्जे को लेकर पार्टी के दोनों गुटों के दावों के बीच पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को जोर दिया कि उनके व उनके बेटे औऱ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच कोई मतभेद नहीं है.
मेरे और मेरे बेटे के बीच कोई विवाद नहीं
मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी से मुलाकात के बाद मुलायम सिंह यादव ने राम गोपाल यादव की ओर स्पष्ट तौर पर इशारा करते हुए मीडिया से कहा कि केवल 'एक शख्स' पार्टी में समस्याएं पैदा कर रहा है. उन्होंने कहा, "कोई है, जिसने मेरे बेटे (अखिलेश) को बहका रखा है. मैंने उससे रविवार रात तथा आज (सोमवार) सुबह भी बात की है. मेरे और मेरे बेटे के बीच कोई विवाद नहीं है."
मुलायम ने कहा, "पार्टी में थोड़ा बहुत विवाद है, ज्यादा नहीं. इसके लिए केवल एक शख्स जिम्मेदार है. लेकिन, मामले को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा." पार्टी के चुनाव चिन्ह 'साइकिल' पर अपना दावा ठोंकने आए मुलायम ने जैदी से लगभग 40 मिनट तक बातचीत की. उनके साथ उनके भाई शिवपाल यादव तथा वरिष्ठ नेता अमर सिंह भी थे.
मैं पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष, अखिलेश CM: मुलायम
मुलायम सिंह ने रविवार को कहा कि वह पार्टी के अध्यक्ष और अखिलेश मुख्यमंत्री बने रहेंगे. एसपी संस्थापक की यह टिप्पणी अखिलेश गुट द्वारा एक जनवरी को मुलायम सिंह यादव को एसपी अध्यक्ष पद से हटाने के बाद आई है.
एक जनवरी के बाद से ही दोनों गुटों ने निर्वाचन आयोग में चुनाव चिन्ह 'साइकिल' पर अपना दावा पेश किया है. सोमवार को बाद में अखिलेश गुट से राम गोपाल यादव भी निर्वाचन आयोग के दफ्तर पहुंचे.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "हम निर्वाचन आयोग से यह आग्रह करने आए हैं कि वह पार्टी के चुनाव चिन्ह पर जल्द से जल्द फैसला ले, क्योंकि नामांकन 17 जनवरी से शुरू होने वाले हैं." उन्होंने मुलायम के उस बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके व अखिलेश के बीच कोई मतभेद नहीं हैं.
दोनों गुटों में 'साइकिल' की जंग
इससे पहले, अखिलेश यादव की तरफ से एक वकील देवेंद्र उपाध्याय ने कहा कि पार्टी के चुनाव चिन्ह पर मुलायम सिंह यादव ने राम गोपाल यादव द्वारा दाखिल जवाब को स्वीकार करने से एक बार फिर इनकार कर दिया.
उपाध्याय ने संवाददाताओं से कहा, "निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिया है कि उनके समक्ष जवाब दाखिल करने से पहले हम उसकी एक प्रति मुलायम सिंह यादव को दें. मैंने उन्हें प्रति देने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने उसे लेने से इनकार कर दिया."