लखनऊ: यूपी चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी में मचा घमासान थमने की जगह बढ़ता ही जा रहा है. इसी क्रम में एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने आज चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी और पार्टी के चुनाव चिन्ह साइकिल पर अपना दावा ठोका.


दो खेमे में बंट चुकी है समाजवादी पार्टी


आपको बता दें कि मुलायम कुनबे में जारी वर्चस्व की जंग अब चुनाव आयोग तक पहुंच चुकी है और समाजवादी पार्टी दो खेमे में बंट चुकी है. एक खेमे में जहां मुख्यमंत्री अखिलेश के साथ पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव हैं तो वहीं दूसरी तरफ एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के साथ उनके छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव हैं.


समाजवादी पार्टी में जारी विवाद के बाद से दोनों ही खेमा पार्टी के चुनाव चिन्ह साइकिल पर अपना दावा ठोक रहा है. एक तरफ पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव अपने धड़े को असली समाजवादी पार्टी बता रहे हैं तो दूसरी तरफ अखिलेश यादव पार्टी पर अपना दावा ठोक रहे हैं.


कौन डालेगा हथियार ?


समाजवादी पार्टी में मचे घमासान के बीच मुलायम सिंह यादव औऱ अखिलेश यादव के बीच लगातार सुलह सफाई के लिए आज सुबह से ही बैठकों का दौर जारी है. कई दौर की बैठकों के बाद भी अभी तक नतीजा सामने नहीं आया है. दोनों पक्ष अपनी अपनी बात पर अड़े हुए हैं. सुलह का कोई एक फार्मूला अभी तक नहीं निकल पाया है. सवाल ये है कि कौन डालेगा हथियार.


अलग चुनाव लड़ने का एलान करने वाले थे मुलायम!


यूपी चुनाव से ठीक पहले मुलायम परिवार के झगड़े में नया मोड़ है. खबरों के मुताबिक मुलायम सिंह यादव प्रेस कॉन्फ्रेंस में अलग चुनाव लड़ने का एलान करने वाले थे लेकिन आजम खान के पहुंचने पर उन्होंने प्रेस कॉऩ्फ्रेंस रद्द की.


शिवपाल-अमर के इस्तीफे की पेशकश!


शुक्रवार की सुबह साढ़े दस बजे शिवपाल यादव, अखिलेश यादव से मिलने सीएम आवास पहुंचे. बताया जा रहा है कि इस दौरान शिवपाल ने अखिलेश से कहा कि वह और अमर सिंह इस्तीफा देने को तैयार हैं. उन्होंने अखिलेश को नेताजी का बुलावा दिया. इसके बाद मुलायम के घर पर अमर, शिवपाल और मुलायम की लंबी बैठक भी हुई. जिसके बाद बताया गया कि मुलायम सिंह प्रेस से बात करेंगे और फिर आजम खान के उनके घर पहुंचते ही प्रेस कांफ्रेंस कैंसल कर दी.


अमर सिंह की सफाई


इससे पहले कल रात अखिलेश, शिवपाल, अखिलेश औऱ अमर सिंह की बैठक हुई है. जिसमें अमर सिंह ने अपने उपर लगे आरोपो पर सफाई दी है. पिता पुत्र के बीच मचे घमासान को शांत कराने में  पार्टी औऱ परिवार लगा हुआ है. पार्टी की ओर से आजम खान लगातार मध्यस्थ की भूमिका में हैं.


परिवार की बैठक


वहीं कल देर रात तक पूरे परिवार की बैठक हुई. जिसमें मुलामय, शिवपाल, राजपाल और अभयराम  के साथ साथ अखिलेश भी मौजूद थे. इस बैठक में अखिलेश राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहने पर अड़े रहे और साफ कहा कि टिकट बांटने का अधिकार वोबनाए रखना चाहते हैं. अखिलेश ने मुलायम से कहा, 'चुनाव मुझे ल़ड़ना और लड़ाना है बाकी सब आप के आशीर्वाद पर है. जैसा आप कहेंगे वैसा ही ही होगा लेकिन चुनाव में परीक्षा मेरी है.'


दोनों पक्षों का दावा


इस बीच दोनों ही पक्ष चुनाव आयोग में अपना दावा पेश कर चुके हैं. चुनाव चिह्न साईकिल पर कब्जे की लड़ाई में अभी दोनों ही अभी अधिवेशन की वैधता पर आरोप प्रत्यारोप मे जुटे हैं. अपना दावा मजबूत करने के लिए खुद मुलायम सिंह यादव चुनाव आयोग जा चुके हैं तो अखिलेश यादव की तरफ से दिल्ली में मोर्चा रामगोपाल यादव लिए हुए हैं. फिलहाल दोनों ही पक्ष के अगले कदम का इंतजार हैं.