मुंबई: बीजेपी ने आज कहा कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी में मचा घमासान ‘काफी हद तक बीजेपी’ के पक्ष में जा रहा है और इस घटनाक्रम से राज्य में उसका 14 सालों का बनवास समाप्त होगा. बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धि ने कहा कि एसपी के अलावा मायावती की बीएसपी और राहुल गांधी के तहत कांग्रेस सत्ता की दौड़ में नहीं है.


विनय सहस्त्रबुद्धि ने मीडिया से कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में जो कुछ घटनाक्रम सामने आ रहा है, वह हमारी पार्टी के पक्ष में जा रहा हैं. समाजवादी पार्टी जो हमें चुनाव में टक्कर देने की स्थिति में थी, वह अब कहीं नजर नहीं आती.’’ उन्होंने कहा कि लोगों में तथाकथित अच्छे प्रशासन को लेकर अखिलेश के बारे में अच्छे विचार होंगे लेकिन यह सब अब हवा में उड़ गए हैं.


एसपी में मचे घमसान को लेकर चुटकी लेते हुए बीजेपी नेता ने कहा कि एसपी की साइकिल के दोनों टायर पंचर हो गए हैं. एसपी में हाल में मचे घमासान से दो पहिये टूट चुके हैं और लोगों के समक्ष अब एसपी चुनावी दौड़ में नहीं रह गई है.


यूपी चुनावों के लिए अगर एसपी-कांग्रेस-आरएलडी में गठजोड़ होता है तो हम भी साथ होंगे: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी


राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने पेशकश की कि अगर उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और आरएलडी का गठबंधन बनता है तो वह भी इसमें शामिल होगी. पार्टी ने पंजाब और गोवा में भी कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की मांग की.


एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार की अध्यक्षता में कार्यसमिति की बैठक के बाद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तारिक अनवर ने कहा कि हालांकि पार्टी गोवा में कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर इच्छुक है लेकिन अगर कोई सहमति नहीं बनती है तो वह राज्य के क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन करने पर गौर करेगी.


गौरतलब है कि यूपी में सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी में जारी वर्चस्व की जंग को देखते हुए उत्तर प्रदेश में एसपी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की चर्चा तेज हो रही है.



यूपी: एसपी में राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर फंसा पेच


उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के भीतर मची अंदरूनी कलह सुलझने का नाम नहीं ले रही है. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के बीच लंबी बातचीत के बाद भी कोई ठोस रास्ता नहीं निकल पाया.


एसपी सूत्रों के मुताबिक, हालांकि इस बैठक में मुलायम अपने पहले के रुख में बदलाव लाते हुए मुख्यमंत्री को टिकट बांटने का पूरा अधिकार भी देने को तैयार हो गए हैं, लेकिन एसपी के अध्यक्ष पद पर मुलायम सिंह यादव व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी पीछे हटने को राजी नहीं हैं.


मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव से मंगलवार को उनके आवास पर बंद कमरे में बातचीत की. यह मुलाकात करीब डेढ़ घंटे चली. मुख्यमंत्री अपने बंगले 4, विक्रमादित्य मार्ग के अंदर से ही अपने पिता के बंगले पांच विक्रमादित्य मार्ग चले गए और मुलाकात के बीच उसी रास्ते वापस लौट गए. पिता और पुत्र की इस मुलाकात के दौरान अमर सिंह और रामगोपाल यादव अनुपस्थित रहे. हालांकि, इस दौरान कुछ समय तक गायत्री व संजय सेठ बैठक में मौजूद रहे.


सूत्र के मुताबिक, मुलायम ने अखिलेश से कहा, "तुम चुनाव आयोग से अपनी दावेदारी वापस ले लो. तुम मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होगे और अगले मुख्यमंत्री बनोगे. टिकट बांटने में भी तुम्हारा ही रोल रहेगा. पर अध्यक्ष मुझे ही रहने दो. इस पर अखिलेश राजी नहीं हुए."


''आप आशीर्वाद दीजिए, मैं यूपी चुनाव जीतकर दिखाऊंगा''


अखिलेश ने कहा, "अगर मैं अध्यक्ष नहीं रहा तो अमर सिंह आप से कोई फैसला करा सकते हैं. यही नहीं, अब पीछे जाने पर सत्ता भी नहीं मिल पाएगी. आप मुझे सारे अधिकार दे रहे हैं तो तीन महीने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद भी दे दीजिए. आप आशीर्वाद दीजिए, मैं यूपी चुनाव जीतकर दिखाऊंगा."


सूत्रों का दावा है कि मुलायम अध्यक्ष पद छोड़ने को राजी नहीं हुए. मुलायम ने यह भी कहा, "चुनाव अपने हिसाब से लड़ना. जिन पर ऐतराज है, उनकी भूमिका सीमित होगी. रामगोपाल यादव के पास जो पावर थी, वह सारे अधिकार अखिलेश के पास रहेंगे. मैं खुद प्रचार करूंगा और प्रत्याशी सब तुम ही तय करना." लेकिन अध्यक्ष पद को लेकर सहमति नहीं बन पाई.


उल्लेखनीय है कि मुलायम अभी तक कहते रहे हैं कि चुनाव बाद विधायक ही मुख्यमंत्री का चुनाव करेंगे, लेकिन सोमवार रात मीडिया से बात करते हुए मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि यूपी विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ही पार्टी का मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे. उन्होंने कहा था, "पार्टी टूटने का सवाल ही नहीं है. हम सब एक हैं और जल्द ही चुनाव अभियान की शुरुआत करेंगे."