(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बुलंदशहर हिंसा: आजम ने कहा- जहां मांस मिला वहां नहीं हैं अल्पसंख्यक, आखिर कौन लाया मांस?
सूत्रों के मुताबिक, इंस्पेक्टर सुबोध को गोली मारने वाला एक रिटायर्ड फौजी है, जो महाव गांव का रहने वाला है. सुबोध की हत्या मामले में अब तक 7 लोगों की पहचान की गई है और दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हिंसा क्यों हुई और सुबोध कुमार सिंह को अकेले छोड़कर पुलिस वाले क्यों भागे? इसकी जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है.
बुलंदशहर: बुलंदशहर हिंसा का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खान ने कहा कि अगर सच में गोवंश का मांस इलाके में मिला है तो इसकी पुलिस जांच करे कि मांस वहां लाया कौन था? क्योंकि जहां मांस मिलने का दावा किया जा रहा है उस क्षेत्र में अल्पसंख्यकों की आबादी नहीं है. बता दें कि शहर में भड़की हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह सहित दो लोगो की मौत हो गई.
सूत्रों के मुताबिक, इंस्पेक्टर सुबोध को गोली मारने वाला एक रिटायर्ड फौजी है, जो महाव गांव का रहने वाला है. सुबोध की हत्या मामले में अब तक 7 लोगों की पहचान की गई है और दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हिंसा क्यों हुई और सुबोध कुमार सिंह को अकेले छोड़कर पुलिस वाले क्यों भागे? इसकी जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बुलंदशहर में हुई हिंसा पर दुख जताते हुए इस घटना में शहीद हुए पुलिस इंस्पेक्टर के परिजन को कुल 50 लाख रूपये की सहायता का ऐलान किया. मुख्यमंत्री ने दो दिन के अंदर मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश भी दिया है.
फिलहाल इलाके में धारा 144 लागू है. दरअसल बुलंदशहर के गांव चिंगरावठी गोवंश के अवशेष मिले थे, जिसकी सूचना स्याना के इंस्पेक्टर को दी गई थी. इसके बाद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे थे. उन्होंने ग्रामीणों को समझाया-बुझाया. इसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने गोवंश के अवशेष को लेकर पुलिस स्टेशन को घेर लिया और जाम लगा दिया. एक बार फिर समझाया गया. शुरुआत में ग्रामीण सहमत हो गए. बाद में ग्रामीणों ने पुलिस चौकी पर पथराव शुरू कर दिया और सुबोध सिंह को मौत के घाट उतार दिया.