बरेली: तीन तलाक़ को लेकर संसद से लेकर सड़क तक बहस छिड़ी हुई है. इसी बीच समाजवादी पार्टी के अल्पसंख्यक सभा के प्रदेश अध्यक्ष रियाज अहमद ने तीन तलाक पर विवादित बयान देकर सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है.

समाजवादी पार्टी कार्यालय पर रियाज अहमद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि तीन तलाक एक बार में इसलिए दिया जाता है ताकि अगर कोई मर्द अपनी पत्नी को किसी गैर मर्द के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख ले तो हत्या करने की बजाय उसे 3 तलाक दे दे. जान बचाने के लिए एक बार में 3 तलाक़ विकल्प के रूप में रखा गया है.

मुस्लिम महिलाओं को महिला आरक्षण में मिले 8 प्रतिशत का अलग से आरक्षण

वहीं उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग मुस्लिम महिलाओं के पिछड़ेपन, कुचलेपन मुस्लिम महिलाओं की इतनी बड़ी शुभचिंतक है तो महिला आरक्षण बिल में मुस्लिम महिलाओं के पिछड़ेपन और कुचलेपन को दूर करने के लिए मुस्लिम महिलाओं को अलग से 8% आरक्षण दे. सिर्फ राजनैतिक रोटियां सेंकने और ध्रुवीकरण करने के अलावा भाजपा का उसी तरह का दिखावा है हाथी के दांत खाने के और हैं दिखाने के और हैं.

अदालतों में हिन्दुओं के तलाक़ के मामले ज्यादा

रियाज़ अहमद ने तीन तलाक के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि अदालतों में सबसे ज्यादा केस तलाक के हिंदुओं के हैं. जबकि सबसे कम मुसलमानों के हैं. उन्होंने कहा कि भारत की अदालतों में मुस्लिम महिलाओं के तलाक़ के मामले 3.7 प्रतिशत हैं, हिन्दू महिलाओं के तलाक़ के मामले 17.6 प्रतिशत हैं और ईसाइयों के 6 प्रतिशत हैं.