छात्र नेताओं ने कहा कि इलाहाबाद में 27 जुलाई को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लोकतांत्रिक तरीके से काला झंडा दिखाने पर उनके काफिले में शामिल पुरुष कमांडो और पुलिस ने बाल नोंचकर छात्राओं को लाठियों से पीटा. उसके बाद धूमनगंज पुलिस की गाड़ी में बैठाकर जंगल की तरफ ले जाकर सभी को उतारकर जान से मारने की धमकी देकर पीटने लगे.
उन्होंने कहा कि आशा ज्योति केंद्र में उन्हें रातभर रखा गया और सुबह महिला कांस्टेबल व महिला थाना इंचार्ज द्वारा फिर बाल नोंचकर अभद्र गालियां देते हुए कोर्ट ले जाया गया. रास्ते में भी पिटाई की गई. इसके बाद फर्जी मुकदमा दर्ज किया गया. नेहा ने बताया कि उन पर अपराध संख्या 995/18 धारा 147/341/188/505 एवं 7 सीएल एक्ट लगाया गया.
छात्र नेताओं की मांग थी कि विश्वविद्यालय में आरक्षण विरोधी एडमिशन प्रक्रिया पर तुरंत रोक लगे. प्रवेश के साथ होस्टल आवंटन हो जिन एससी/एसटी छात्रों से आरक्षण नियम के विरुद्ध फीस वसूली की जा रही है, उनसे आरक्षण नियम अनुसार फीस ली जाए. शोधार्थियों के होस्टल लेने पर एक ही फीस ली जाए.