लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गठबंधन टूटने पर कहा कि ये एक प्रयोग था. उन्होंने कहा कि कई बार प्रयोग सफल नहीं होते हैं. उन्होंने यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए और अपने कार्यकर्ताओं को 2022 की तैयारी करने को कहा. आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल ने गठबंधन किया था.


अखिलेश यादव ने कहा,"आदरणीय मायावती जी के लिए मैंने जो कहा था पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में वही बात आज भी दोहराता हूं कि उनका सम्मान, मेरा सम्मान है. उनके लिए हमेशा सम्मान रहेगा. रास्ते अलग हो सकते हैं, सिद्धांत अलग हो सकते हैं, काम करने का तरीका अलग हो सकता है. उन्होंने जो राजनीतिक फैसले लिए हैं वो अलग बात है."


अखिलेश ने कहा,"अब हमारे लिए रास्ते खुले हैं. हम सलाह मशवरा करेंगे और 2022 में समाजवादी सरकार का आना जरूरी है, क्योंकि अपराध बढ़ गया है. समाजवादी पार्टी के नेताओं पर हमले हो रहे हैं. कत्ल किया जा रहा है."


क्या कहा था मायावती ने


लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की करारी हार के बाद बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने यूपी में विधानसभा उप चुनाव में गठबंधन तोड़ने का एलान किया है. उन्होंने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान यादवों ने महागठबंधन को वोट नहीं किया है, इसलिए वो सियासी मजबूरियों की वजह से फिलहाल गठबंधन को अस्थाई तौर पर विराम दे रही हैं.


इसके साथ ही मायावती ने एलान किया कि उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव में अकेले मैदान में होगी. हालांकि, मायावती ने ये जरूर साफ किया कि लोकसभा चुनाव के दौरान अखिलेश यादव और डिंपल यादव की तरफ से उन्हें बहुत सम्मान मिला, इसलिए अब परिवार से निजी रिश्ते कभी नहीं टूटेंगे.


गठबंधन को फिलहाल तोड़ने का एलान करते हुए मायावती ने आगे कहा, "अगर अखिलेश यादव अपने कार्यकर्ताओं को सुधार लेते हैं तो गठबंधन बना रहेगा, नहीं तो अलग ही चलेंगे. यादवों ने गठबंधन को वोट नहीं किया, अगर किया होता तो समाजवादी पार्टी के बड़े नेता चुनाव नहीं हारते."