गोरखपुरः आम चुनाव को लेकर सभी पार्टियां कमर कसकर तैयार हैं. सपा-बसपा गठबंधन के साथ जाने वाली पार्टियां भी जोड़-तोड़ में लगी हैं. गठबंधन ने जहां भाजपा को मुश्किल में डाल रखा है. तो वहीं छोटे दलों के बड़े नेता भी इस बार के चुनाव में राष्‍ट्रीय पार्टियों की गुणा-गणित बिगाड़ने में लगे हैं. निषाद पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष डा. संजय निषाद ने सपा के खाते में गई महराजगंज लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने का दावा किया है. उनका कहना है कि शीर्ष नेताओं ने इस पर सहमति भी दे दी है.


पूर्वी यूपी की गोरखपुर सीट से पांच बार से सांसद रहे योगी आदित्‍यनाथ के मुख्‍यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर की सीट खाली हो गई. इस सीट पर निषाद पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष डा. संजय निषाद ने अपने बेटे प्रवीण निषाद को सपा के टिकट पर चुनाव लड़ाया और राष्‍ट्रीय दलों को पूर्वांचल में अपनी ताकत का एहसास करा दिया. प्रवीण निषाद ने भाजपा के उपेन्‍द्र दत्‍त शुक्‍ला को लगभग साढ़े बाइस हजार मतों से हराया.


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इस बार के लोकसभा चुनाव में भी गोरखपुर की सीट सपा के खाते में गई है. यहां से फिर सपा के ही सिंबल पर वर्तमान सांसद प्रवीण निषाद के चुनाव मैदान में उतरने की पूरी संभावना है. हालांकि अभी सपा-बसपा गठबंधन ने अपने पत्‍ते नहीं खोले हैं. लेकिन, पिछली बार के परफारमेंस के लिहाज से प्रवीण निषाद को ही टिकट मिलने की चर्चाएं हैं.


उनके पिता और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आमदल (निषाद पार्टी) के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष ने महराजगंज सीट से चुनाव लड़ने का दावा किया है. उन्‍होंने सीटों की घोषणा को लेकर बसपा की राष्‍ट्रीय अध्यक्ष मायावती और सपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अखिलेश यादव को बधाई भी दी है. उन्‍होंने विश्‍वास जताया है कि साल 2018 की तरह ही निषाद पार्टी को अपने कोटे से सीट देकर उस विश्‍वास को कायम रखेंगे.


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महराजगंज लोकसभा सीट पर साल 2014 में भाजपा के पंकज चौधरी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा के काशीनाथ शुक्‍ला को 2,58,458 मतों के अंतर से हराकर जीत हासिल की थी. साल 2009 में कांग्रेस के हर्षवर्धन ने जीत हासिल की थी. साल 2004 और 1999 में क्रमशः भाजपा के पंकज चौधरी और सपा के अखिलेश सिंह को जीत मिली थी. सभी बड़े दलों ने किसी न किसी चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. ऐसे में अगर सपा ने अपनी सीट पर निषाद पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष डा. संजय निषाद के लड़ने का ऐलान कर दिया, तो अन्‍य पार्टियों की परेशानी बढ़ सकती है.


संजय निषाद ने कहा कि इस बार वे सपा की सीट पर अपनी पार्टी के सिंबल से चुनाव लड़कर जीत हासिल करेंगे और पूरे दमखम के साथ संसद में उपस्थिति दर्ज कराएंगे. उन्‍होंने कहा कि सीटों के सही बंटवारें पर वे दोनों ही दलों के नेताओं को बधाई देते हैं. असमंजस की स्थिति बनी हुई थी, जो अब दूर हो गई है. उन्‍होंने कहा कि उपचुनाव की तरह ही इस बार भी सपा और अब बसपा के साथ क‍मर कसकर तैयार हैं.


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