नई दिल्ली:  मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से RLD के अजित सिंह को हराकर जीत दर्ज करने वाले संजीव बालियान ने मंत्री पद की शपथ ली. बालियान पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश में बड़े किसान नेता के तौर पर जाने जाते हैं. संजीव बालियान ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था. 2014 में मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से पहली बार सांसद बने. 2014 से 2017 तक मोदी सरकार में कई मंत्रालयों में राज्यमंत्री भी रहे हैं. 2 सितंबर 2017 को मंत्री पद से हटा दिए गए थे. 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगे में आरोपी रहे हैं.

संजीव बालियान का जन्‍म 23 जून 1972 को मुजफ्फरनगर जिले के कुटबी गांव में हुआ था. इनके पिता का नाम सुरेंद्र पाल सिंह है. संजीव बालियान ने हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय से पशु चिकित्सा विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि ली है. इसके बाद उन्होंने सहायक प्रोफेसर और हरियाणा सरकार के साथ मिलकर पशु चिकित्सा सर्जन का भी काम किया है.

2014 में बालियान ने बसपा के कादिर राणा को चार लाख वोटों से हराया था. संजीव बालियान को 6 लाख से ज्यादा वोट हासिल हुए थे. बालियान को 2014 में मोदी सरकार में कृषि व खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री बनाया गया था. 2016 में उन्हें जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय में भेज दिया गया और मंत्रिमंडल के अगले फेरबदल में उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया.

मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट का इतिहास

आजादी के बाद से अब तक हुए 16 लोकसभा चुनावों में से 7 बार इस सीट पर कांग्रेस ने अपना कब्जा जमाया है. वहीं बीजेपी 4 बार इस सीट को हथियाने में कामयाब हुई है. बीएसपी और एसपी ने 1-1 बार ये सीट जीती है. वहीं आरएलडी का इस सीट पर अभी तक खाता भी नहीं खुला है.

1952 से 1967 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा. इसके बाद सीपीआई ने कांग्रेस से ये सीट छीन ली. 1967 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर सीपीआई नेता लताफत अली खान सांसद बने. इसके बाद 1971 में भी सीपीआई के ही विजयपाल सिंह यहां से सांसद बने.

1977 में सीपीआई से ये सीट छीनकर जनता पार्टी ने कब्जा जमा लिया. इसके बाद हुए 1980 के चुनाव में भी यहां से जनता पार्टी के गयूर अली खान सांसद चुने गए.