संतकबीरनगर: एक युवक को दोस्तों पर विश्वास करना महंगा पड़ गया. उसने इलाज के लिए दोस्तों के जरिये ही जमीन बेचकर रुपए बैंक में जमा करने को दिए थे. लेकिन, छह लाख रुपए देखकर लालच में आए दोस्तों ने लूट की झूठी कहानी रच दी. पुलिस ने जब जांच की तो लूट की कहानी झूठी निकली और चार दोस्तों को गिरफ्तार कर लिया गया.
संतकबीरनगर के एसपी आकाश तोमर ने घटना का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि बस्ती जिले के मुण्डेरवां इलाके के नगरहा गांव के रहने वाले अनिल प्रजापति को ऑपरेशन कराने के लिए रुपए की जरूरत थी. उन्होंने पड़ोस के गांव पकड़ीचन्दा के रहने वाले अपने दोस्त गोपाल दुबे को ऑपरेशन के लिए रुपए की जरूरत के बारे में बताया. गोपाल ने आश्वासन दिया कि वे उसकी जमीन बेचवा देंगे. जिससे उनका इलाज हो जाएगा. गोपाल ने पकड़ीचन्दा के रहने वाले अरविन्द कुमार दुबे से कमीशन पर सस्ते में खेत बेचने का सौदा कर लिया और 16 हजार रुपए एडवांस भी दे दिए.
गोपाल दुबे ने दोस्त अनिल प्रजापति को 30 नवंबर को संतकबीरनगर जिले के भुजैनी इलाके के निजी नर्सिंग होम में भर्ती करा दिया. उसने अपने प्लान में अनिल के भतीजे बबलू गौड़, सत्येन्द्र कुमार शर्मा और रामगोपाल यादव को भी शामिल कर लिया. एक दिसंबर को गोपाल दुबे और राम गोपाल यादव प्लान के तहत अनिल प्रजापति को लेकर बस्ती सदर तहसील पहुंचे. वहां पर अरविन्द के पिता जगदीश दुबे के नाम से रजिस्ट्री हो गई. उसके बाद चारों ने उसे अस्पताल पहुंचा दिया. रास्ते में अनिल ने बैंक में उसके नाम से खाता खुलवाकर रुपए जमा करने की बात कही.
दो दिसंबर को अनिल का भतीजा बबलू उर्फ अश्विनी गौड़ अपने दोस्त सत्येन्द्र कुमार शर्मा के साथ शाम सात बजे अस्पताल पर आया. वहां पर गोपाल दुबे, रामगोपाल यादव, बबलू और सत्येन्द्र ने शराब पीने के बाद अनिल के 6 लाख रुपए आपस में बांट लिए और अस्पताल में भर्ती अनिल को एनएच 28 के भुजैनी चौराहे के पास लूट की झूठी कहानी सुना दी. परेशान हाल अनिल ने पुलिस को लूट की सूचना दी. पुलिस ने जब तफ्तीश की तो मामला शीशे की तरह साफ हो गया. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से हड़पी गई रकम भी बरामद कर ली.
पुलिस ने चारों आरोपी दोस्त को आईपीसी की धारा 406, 420 और 411 के तहत मुकदमा दर्ज कर कोरेट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.