संतकबीरनगर: भाजपा सांसद और विधायक के बीच जूते-चप्पल चलने के बाद पूरे देश में बीजेपी की किरकिरी हो रही है. इस घटना के बाद जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने इस घटना पर दोनों नेताओं को लखनऊ बुलाया है. इस घटना को जूते चलाने वाले सांसद शरद त्रिपाठी अब खुद ही दुर्भाग्यपूर्ण बता रहे हैं. वहीं बीजेपी विधायक राकेश सिंह बघेल भी सेफ मोड में दिखाई दे रहे हैं. एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए उन्होंने कि घर में झगड़ा नहीं होता है क्या. वे कहीं शिकायत नहीं करेंगे. उनका धरना तो पुलिस-प्रशासन के खिलाफ है. जिन्होंने उनके समर्थकों के ऊपर लाठियां भाजी हैं.



संतकबीरनगर के कलेक्ट्रेट परिसर में बैठक के दौरान बीजेपी सांसद शरद त्रिपाठी और मेंहदावल से विधायक राकेश सिंह बघेल के बीच जमकर जूते चले. शिलापट्ट पर नाम नहीं होने के विवाद ने इतना तूल पकड़ा कि संतकबीर नगर के सांसद शरद त्रिपाठी ने अपनी ही पार्टी के विधायक राकेश सिंह बघेल के ऊपर जूतों की बौछार कर दी.


इसके पहले उन्होंने विधायक को कहा कि "तुम्हारे जैसे कितने विधायक पैदा किए हैं.' इस पर विधायक राकेश सिंह बघेल ने जूता निकालने का इशारा भर किया था. पिटाई से आहत विधायक ने भी सांसद पर दो-चार हाथ जड़ दिए. इसके बाद विधायक और उनके समर्थक कलेक्टर परिसर में ही धरने पर बैठ गए कलेक्ट्रेट परिसर से सांसद शरद त्रिपाठी को बाहर निकालने के लिए पुलिस और प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी. पुलिस ने विधायक समर्थकों पर जमकर लाठियां भी चटकाई.



एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए विधायक राकेश सिंह बघेल ने कहा कि क्या किसी के घर में झगड़ा नहीं होता है. वह कहीं इसकी शिकायत नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि जो भी हुआ है गलत हुआ है और वह अपनी बात शीर्ष नेतृत्व तक रखेंगे. उन्होंने कहा कि उनका धरना पुलिस और प्रशासन के खिलाफ है. जिन्होंने हमारे लोगों के ऊपर लाठियां भांजी हैं. 5 किलोमीटर तक उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटा है. जिसमें दर्जनों लोग घायल हुए हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.


वहीं सुरक्षित गोरखपुर के अपने आवास पर पहुंचने के बाद एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए सांसद शरद त्रिपाठी ने अपना पक्ष रखा है. उनका कहना है कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्हें बेस्ट सांसद का संसद में अवार्ड मिल चुका है. उनकी छवि के बारे में लोग अच्छी तरह से जानते हैं. उनकी ऐसी छवि नहीं रही है. उनका आचरण ऐसा नहीं है. जो कुछ भी हुआ है वह घटना नहीं दुर्घटना है. प्रदेश अध्यक्ष से उनकी बात हुई है और वे उनके सामने पक्ष रखेंगे. बीजेपी की इस घटना से किरकिरी होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो कुछ है सब के सामने है. सारी फुटेज चैनल पर चल रही है. उन्हें ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं है.



सांसद शरद त्रिपाठी जहां भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में शुमार पिता रमापति राम त्रिपाठी के बेटे हैं. वे गृहमंत्री राजनाथ सिंह के करीबी माने जाते हैं. वहीं विधायक राकेश सिंह बघेल मंदिर और योगी खेमें से पहचान रखते हैं. ऐसे में पलड़ा किसका भारी हैं ये कहना जरा मुश्किल है. हालांकि दोनों नेता अब भले ही गलती का अहसास होने और शीर्ष नेतृत्व की फटकार के बाद सेफ मोड में दिखाई दे रहे हैं.


लेकिन, लोकसभा चुनाव के पहले हुई इस घटना से जहां बीजेपी की किरकिरी हुई है. वहीं विपक्ष को बीजेपी पर निशाना साधने के लिए एक बड़ा मुद्दा भी मिल गया है. ऐसे में योगी का गढ़ कहे जाने वाले पूर्वांचल में बीजेपी के लिए मुश्किलें भी खड़ी हो सकती हैं.