नई दिल्ली: श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की कमान अनुभवी सांसद और बीजेपी के वरिष्ठ नेता संतोष गंगवार को दी गई है. उन्होंने कल ही राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार की शपथ ली थी. 2019 में बरेली सीट से वे 8वीं बार सांसद चुने गए. 1989 से 2009 और 2014 से गंगवार लगातार बीजेपी के सांसद हैं. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे संतोष गंगवार ने पहला लोकसभा चुनाव 1989 में लड़ा और जीता था.


1989 में शुरू हुआ संतोष गंगवार का राजनीतिक सफर


अपनी सादगी और ईमानदारी के लिये मशहूर संतोष कुमार गंगवार रूहेलखंड इलाके की बरेली लोकसभा सीट से आठ बार चुनाव जीत चुके हैं और वह पिछली नरेन्द्र मोदी सरकार और उससे पहले अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं.


गंगवार का जन्म एक नवम्बर, 1948 को बरेली में हुआ था. उनकी उच्च शिक्षा आगरा विश्वविद्यालय और रुहेलखंड विश्वविद्यालय से हुई. उन्होंने बीएससी और एलएलबी की डिग्री प्राप्त की. पढ़ाई के दौरान वह छात्र राजनीति से जुड़े और यहीं से उनके जीवन की दिशा बदल गई. उनका विवाह सौभाग्य गंगवार से हुआ जिससे उन्हें एक पुत्र और एक पुत्री हैं.


लगातार छह बार लोकसभा चुनाव जीतने वाले गंगवार देश में आपातकाल के दौरान सरकार विरोधी आंदोलन को लेकर जेल भी जा चुके हैं. वह 1996 में उत्तर प्रदेश भाजपा इकाई के महासचिव बनाए गए. इसके अलावा वह उत्तर प्रदेश में पार्टी इकाई के कार्य समिति के सदस्य भी रह चुके हैं.


गंगवार ने अपना पहला चुनाव सन 1981 में लड़ा पर वह इसमें हार गए. 1984 में हुए आम चुनावों मे वह दोबारा हारे. उसके बाद वह उत्तर प्रदेश के बरेली से 1989 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं. वह 15वीं लोकसभा (2009-2014) के चुनाव में पराजित भी हुये.


गंगवार 1989, 1991, 1996, 1998, 1999, 2004, 2014 में जीत चुके हैं और एक बार फिर 2019 में उन्होंने आठवीं बार विजय हासिल की. गंगवार साल 1996 में बरेली में शहरी सहकारी बैंक की स्थापना को लेकर पूरी तरह सक्रिय रहे और 1996 की शुरुआत में वह इस बैंक के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे.


बरेली में चौपला रेलवे स्टेशन के जीर्णोद्धार, पुस्तकालय, मिनी बाई पास सहित तमाम परियोजनाओं के निर्माण का श्रेय गंगवार को जाता है.


तेरहवीं लोकसभा में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बनी सरकार में वह पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री के साथ-साथ संसदीय कार्य राज्य मंत्री का पदभार भी संभाल चुके हैं. इसके अलावा वह विज्ञान एवं तकनीकी राज्यमंत्री भी रह चुके हैं.