भोपालः मध्य प्रदेश में नामांकन भरने के आखिरी दिन से पहले टिकट बंटवारे को लेकर सभी पार्टियों में खूब गहमागहमी रही. कहीं खुशी, कहीं गम का नजारा भी देखने को मिला. जिन्होंने टिकट पा लिया वो पार्टी से अपनी वफादारी की कसमें खाते दिखे तो दूसरी तरफ जो खाली हाथ रह गए, उन्होंने हंगामे किए या दूसरी पार्टी से टिकट पाने के जुगाड़ में लग गए. इसी कड़ी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी अपने बेटे को टिकट दिलाने में नाकाम हुए तो बेटा बागी बनकर समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में कूद पड़ा. खास बात ये है कि जब बेटे नितिन चतुर्वेदी एसपी से नामांकन भरा तो पिता भी मौजूद थे.
हालांकि, हर पार्टी में नाराज़ छोटे-बडे़ नेताओं के मान मनौव्वल का दौर जारी है. यही कोशिश हो रही है कि किसी तरह इस विधानसभा चुनाव में उन्हें पार्टी के साथ ही रखा जाए, ताकि पार्टी की जीत दिलाई जा सके.
नितिन ने मध्यप्रदेश की बुंदेलखंड क्षेत्र की राजनगर विधानसभा सीट से अपना पर्चा भरा है. नामांकन के दौरान नितिन के हजारों समर्थक मौजूद थे. वहां मौजूद समर्थकों ने नितिन के लिए जमकर नारे लगाए.
एसपी में शामिल होने के बाद नामांकन दाखिल करने पहुंचे नितिन के साथ उनके पिता सत्यव्रत चतुर्वेदी भी थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि मैंने कांग्रेस नहीं छोड़ी है. मीडिया से बात करते हुए सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व पर जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने का आरोप लगाया. बेटा के एसपी में शामिल होने को लेकर उन्होंने बताया कि यह मेरा निर्णय था कि कांग्रेस से टिकट न मिलने के बाद नितिन समाजवादी पार्टी में शामिल होकर चुनाव लड़े. इस सीट से कांग्रेस की ओर से विक्रम सिंह हैं जबकि बीजेपी की ओर से अरविंद पटेरिया मैदान में हैं.
राज्य में नामांकन की आखिरी तारीख 10 नवंबर है. यहां 230 विधानसभा सीटों के लिए एक चरण में 28 नवंबर को मतदान होगा. मतगणना की तारीख सभी पांच राज्यों में एक साथ 11 दिसंबर को होगी.
राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में एबीपी न्यूज सर्वे के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को 111-121 सीटें मिलने का अनुमान है तो वहीं कांग्रेस कांग्रेस 100-110 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है. हालांकि अन्य के खातों में 6-12 सीटें जाने का अनुमान है.
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