नई दिल्ली: राजस्थान और तेलंगाना विधानसभा चुनाव की वोटिंग से महज़ एक दिन पहले उत्तर प्रदेश के बहराइच से बीजेपी सांसद और दलित नेता सावित्री बाई फुले ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. सावित्री बाई फुले बीते काफी दिनों से पार्टी से नाराज़ चल रही थी और पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी कर रही थी, लेकिन उन्होंने अचानक पार्टी छोड़ने का एलान किया.


आज बीजेपी छोड़ने के साथ ही उन्होंने पार्टी पर बड़ा आरोप लगाया. सावित्री बाई फुले ने कहा, ''बीजेपी समाज में विभाजन पैदा करने का काम कर रही है.''

विवादित बयान रही है पहचान
विवादित बयानों से हमेशा चर्चा में रहने वाली बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले ने बीते दिनों बड़ा विवादित बयान दिया था. उन्होंने भगवान राम को मनुवादी बताते हुए कहा कि बजरंगबली अगर दलित नहीं थे तो उन्हें इंसान क्यों नहीं बनाया गया उन्हें बंदर क्यों बनाया गया? उनके मुंह में कालिख क्यों लगाई गई और उन्हें पूंछ क्यों लगाई गई?

दरअसल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान अलवर में बजरंगबली को दलित बताया था. इसी पर तंज कसते हुए सावित्रीबाई ने कहा था योगी का दलित प्रेम सिर्फ दिखावा है अगर उन्हें दलितों से प्रेम है तो दलितों को गले लगाएं, दलितों का सम्मान करें. सांसद सावित्री ने यह भी कहा देश में जितने भी मंदिर है वहां दलितों को ही पुजारी रखा रखा जाना चाहिए क्योंकि 3 फीसदी पंडित ही हर जगह कब्जा जमाए हुए हैं.

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