Sawan somvar: शिव की भक्ति में डूबी काशी, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ भक्तों ने किए बाबा विश्वनाथ के दर्शन
वाराणसी में सावन के सोमवार के मौके पर भक्तों ने काशी विश्वनाथ के दर्शन किए. भक्तों ने इस दौरन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया. बाबा विश्वनाथ के मंदिर में आने वाले भक्तों की सुरक्षा के कड़े इंतेजाम देखने को मिले.
वाराणसी: सावन के पहले दिन सोमवार को बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में भक्तों का तांता लगा रहा. भक्तों ने सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए भगवान भोलेनाथ के दर्शनकिए. सावन की महीने को भगवान शिव का माह कहा जाता है. सावन के सोमवार को तो भोले की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इस बार सावन में 5 सोमवार पड़ रहे हैं, लिहाजा ये सावन विशेष फलदायी है. भक्तों ने कतार बद्ध होकर बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए और आशीर्वाद मांगा.
मंदिर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम बाबा विश्वनाथ के मंदिर में आने वाले भक्तों की सुरक्षा के कड़े इंतेजाम देखने को मिले. भक्तों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए मार्किंग की गई थी. माइक से अनाउंसमेंट हो रहा था और कतार में आने वाले हर किसी को थर्मल स्कैनिंग से गुजरकर ही मन्दिर में प्रवेश की अनुमति थी. इसके साथ ही मास्क अनिवार्य कर दिया गया था. मन्दिर में भक्तों विशेष पात्र से जलाभिषेक की व्यवस्था थी और भक्त इस व्यवस्था के बीच महादेव के दर्शन कर प्रसन्न नजर आए. जो मंदिर तक नहीं पहुंच पा रहे थे उन्होंने ऑनलाइन दर्शन कर अपनी आस्था प्रकट की.
सावन का महत्व द्वादश ज्योतिर्लिंगों में भगवान शिव का धाम विशेष स्थान रखता है. श्रावण मास भगवान शिव का अतिप्रिय मास माना जाता है और उस पर इस बार सावन की शुरुआत सोमवार से हुई है. पूरे सावन इस बार पांच सोमवार पड़ रहे हैं तो विशेष संयोग बना है. भक्तों ने कोरोना काल में सुरक्षा के साथ के महादेव दर्शन किए.
कम दिखे भक्त सावन में हर साल काशी में लाखों भक्तों का आगमन होता था और अगर सावन का सोमवार हो तो जनसैलाब उमड़ जाता था. प्रशासन को उम्मीद थी कि इस बार भी भक्तों की आवक में कुछ खास कमी नहीं होगी इसे लेकर बैरिकेडिंग की गई थी. सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल की तैनाती भी थी. लेकिन भक्तों की आवक उस तरह नहीं दिखी जितनी उम्मीद थी.
भक्तों के आने की उम्मीद हालांकि सावन के पहले दिन और प्रथम सोमवार को भक्तों की आवक कम रही लेकिन प्रशासनिक अमला आगे के दिनों में उम्मीद लगाए है कि महादेव के दरबार तक भक्त जरूर पहुंचेंगे. तैयरियां जबरदस्त हैं और अब ये देखना होगा कि भक्त क्या बाबा के दरबार में हाजिरी के लिए काशी पहुंचते हैं या नहीं.
कांवड़ियों बिन काशी सूनी जहां कभी बोल बम का नारा गूंजता था गेरुआ वस्त्र धारी कांधे पर कांवड़ लिए विभिन्न रंगों में दिखते थे. इस बार कांवड़ यात्रियों के बिना काशी सूनी नजर आ रही है. कोरोना से बचाव जरूरी है और इसी को देखते हुए कांवड़ यात्रा को लेकर भी निर्णय लिया गया है. फिलहाल कासी में भक्त कम दिख रहे हैं और यहां श्रावणी आकर्षण थोड़ा फीका नजर आ रहा है.
घर में करें पूजा अगर सावन में भगवान शिव के दर्शन की आस्था हो और कोरोना का भय घर में रोक रहा हो तो परेशान मत होइए. काशी के धर्माचार्यों ने इसका हल बता दिया है. आचार्य पंडित पवन त्रिपाठी की मानें तो घरों में शिवलिंग की स्थापना करें. बेल पत्र, पुष्प चढ़ाएं, अभिषेक करें और ओम नमः शिवाय का जाप करें. मनोकामना जरूर पूरी होगी.
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