इलाहाबाद: भोजपुरी भाषा का दूसरा राष्ट्रीय महोत्सव शनिवार को इलाहाबाद में शुरू हुआ. इस महोत्सव का उदघाटन भारत में मॉरीशस के राजदूत जगदीश गोवर्धन ने किया. महोत्सव में कई देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए तो साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों में भोजपुरी बोलने वाले लोगों की भी मौजूदगी रही. महोत्सव का उदघाटन करते हुए मारीशस के राजदूत जगदीश गोवर्धन ने भोजपुरी बोली-भाषा को अप्रवासीय भारतीयों की आत्मा बताया है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर प्रवासी भारतीय यूपी और बिहार से गए हैं. लिहाजा आज भी उनकी मातृभाषा भोजपुरी ही है.
भोजपुरी भाषा को मांई कहकर किया सम्बोधित
जगदीश गोवर्धन ने कहा भोजपुरी कोई साधारण भाषा नहीं है बल्कि ये भारत देश में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है. उन्होंने कहा है कि भोजपुरी बोलने वाले आज पूरी दुनिया में फैले हुए हैं. उन्होंने द्वितीय भोजपुरी महोत्सव मांई में भोजपुरी बोली-भाषा को मांई कहकर भी सम्बोधित किया है.
भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने की मांग
भोजपुरी महोत्सव में भोजपुरी बोली और भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए भी मांग उठी. वहीं कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंची राज्य मंत्री स्वाती सिंह ने भी कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार सभी बोली और भाषा के संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रयास कर रही है. हांलाकि उन्होंने भोजपुरी फिल्मों में परोसी जा रही फूहड़ता को दूर करने की ओर भी इशारा किया.
महोत्सव के आयोजक अजीत सिंह के मुताबिक देश में बीस करोड़ से ज्यादा लोग भोजपुरी भाषा बोलते हैं. लेकिन आज तक भोजपुरी बोली और भाषा को वो मुकाम हासिल नहीं हो पाया है जिसकी वो हकदार है. इस मौके पर भोजपुरी के रचनात्मक आन्दोलन में पत्र-पत्रिकाओं की भूमिका पर भी चर्चा हुई. कार्यक्रम में एसपी के राज्य सभा सांसद रेवती रमण सिंह के साथ ही भोजपुरी क्षेत्र की कई नामचीन हस्तियां भी मौजूद रहीं.