कानपुर: पिछले चुनावों की सबसे चर्चित कन्नौज लोकसभा सीट एक बार फिर से सुर्खियों में है. इस संसदीय सीट पर दावेदारी ठोक कर समाजवादी सेक्युलर मोर्चा ने इसे और भी दिलचस्प बना दिया है. बीजेपी के जिला अध्यक्ष नरेन्द्र राजपूत का कहना है कि शिवपाल सिंह यादव का मोर्चा कन्नौज से चुनाव लड़ेगा तो इसका फायदा सीधे तौर पर बीजेपी को होने वाला है. अगर नुकसान का आकलन किया जाये तो सबसे बड़ा नुकसान समाजवादी पार्टी का होगा. खास बात चीत में उन्होंने बताया कि बीजेपी इस बात की अंदाजा लगा चुकी है और उसी आधार पर तैयारी कर रही है. इस योजना के तहत कन्नौज सीट पर सपा,बसपा और कांग्रेस का गठबंधन भी कोई असर नहीं डाल पायेगा.


समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मुश्किलें अब बढ़नें वाली हैं. शिवपाल सिंह यादव इस बात का एलान कर चुके हैं कि लोकसभा चुनाव में उनका मोर्चा सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगा जिसमें कन्नौज भी शामिल है. कन्नौज लोकसभा सीट के पड़ोसी जनपद फर्रुखाबाद से शिवपाल सिंह यादव खुद चुनाव मैदान में उतरने की योजना बना रहे हैं. वो फर्रुखाबाद में रहकर कन्नौज पर भी बारीकी नजर रखेंगे.


वहीं कन्नौज समाजवादियों का गढ़ माना जाता है लगभग तीन दसक से से यह सीट समाजवादी पार्टी के पास है. वर्तमान में अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव कन्नौज से सांसद हैं और जैसा की अखिलेश यादव कह चुके हैं कि डिम्पल यादव चुनाव नहीं लड़ेगी. इस घोषणा के बाद उन्होंने इस बात भी एलान किया था कि कन्नौज लोकसभा सीट से वो चुनावी मैदान में उतरेंगे.


बीजेपी जिलाध्यक्ष नरेन्द्र राजपूत के मुताबिक शिवपाल का मोर्चा कन्नौज से चुनावी मैदान में उतरेगा तो बीजेपी को बहुत बड़ा फायदा मिलने वाला है. बीजेपी का कैंडिडेट कौन होगा यह तो राष्ट्रिय नेतृत्व तय करेगा लेकिन उन्होंने इस बात भी इशारा किया कि बाहर का ही उम्मीदार होगा और वीवीआईपी भी हो सकता है.


राजपूत ने कहा कि समाजवादी पार्टी को शिवपाल के आने से बड़ा नुकसान होने वाला है. कन्नौज में बहुत तेजी से समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के लोग सक्रिय हो गए हैं और इसका असर भी लोगों के बीच देखा जा रहा है. बीजेपी ने भी सभी बातों को ध्यान में रखकर अपनी कार्य योजना बनानी शुरू कर दी है. कन्नौज की तीन विधानसभा सीटों में से दो सीटें बीजेपी के पास हैं और एक सीट सपा के पास है. 2014 के लोकसभा चुनाव में कानपुर बुंदेलखंड की 10 लोकसभा सीटो में से 09 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी. सिर्फ कन्नौज की सीट ही बीजेपी के हाथ से फिसल गयी थी.