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सपा को लगा बड़ा झटका, पूर्व राजयसभा सांसद वीरपाल सिंह यादव ने दिया पार्टी से इस्तीफा
बता दें कि वीरपाल यादव की गिनती सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी नेताओं में होती थी और वह पार्टी के गठन के समय से ही सपा से जुड़े हुए थे. यादव 21 साल तक सपा की बरेली इकाई के अध्यक्ष भी रहे.
![सपा को लगा बड़ा झटका, पूर्व राजयसभा सांसद वीरपाल सिंह यादव ने दिया पार्टी से इस्तीफा Senior Samajwadi Party leader and former Rajya Sabha MP Veerpal Singh Yadav resigns सपा को लगा बड़ा झटका, पूर्व राजयसभा सांसद वीरपाल सिंह यादव ने दिया पार्टी से इस्तीफा](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2018/10/10135637/veerpal-singh.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
बरेली: समाजवादी पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है. सपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व राजयसभा सांसद वीर पाल सिंह यादव ने पार्टी को अलविदा कह दिया है. वीर पाल ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को पत्र भेजकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया है उनके साथ करीब 50 अन्य सपा नेताओं ने भी पार्टी छोड़ दी है.
पार्टी में अंतरकलह से हो सकता है लोकसभा चुनाव में सपा को बड़ा नुकसान विधानसभा चुनाव से पहले जब समाजवादी पार्टी में अंतरकलह मची थी तो उसको चुनाव में काफी नुकसान उठाना पड़ा और एक बार फिर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर से समाजवादी पार्टी अंतर्कलह की वजह से सुर्खियों में है. अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव ने जब से समाजवादी सेक्यूपर मोर्चा बनाया है तब से सपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी को अलविदा कह दिया है और शिवपाल के साथ खड़े हो गए हैं. बरेली में समाजवादी पार्टी की नीव रखने वाले वरिष्ठ नेता और पूर्व राजयसभा सांसद वीर पाल सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी को बाय-बाय कह दिया है. उनके पार्टी से इस्तीफा देने से पार्टी को काफी नुकसान हो सकता है. 21 सालो तक पार्टी के जिला अध्यक्ष और राजयसभा सांसद रह चुके है वीरपाल वीरपाल ने आज अपने पीलीभीत रोड स्थित आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके समाजवादी पार्टी में हड़कंप मचा दिया. वीरपाल ने कहा की पार्टी में अच्छे लोगों की जगह नहीं रह गई है. उन्होंने कहा की बरेली में समाजवादी पार्टी को बनने में उन्होंने खून पसीना बहाया है. लेकिन जब उन पर मुकदमा दर्ज हुआ तो पार्टी का कोई नेता उनके साथ नहीं खड़ा हुआ. उन्होंने कहा की आज की तारीख में हम कहीं जाएं तो हमसे कोई बैठने तक को नहीं कहता है. उन्होंने कहा की पार्टी के बैनर में छोटे-छोटे नेताओं के फोटो तो होंगे लेकिन वीरपाल का फोटो नहीं होगा. बता दें कि राजसभा सांसद के अलावा वीरपाल सिंह 21 सालों तक पार्टी के जिला अध्यक्ष के पद पर भी रह चुके थे. एक समय वो था जब समाजवादी पार्टी में बगैर उनकी मर्जी के पत्ता तक नहीं हिल सकता था. मुलायम सिंह जिन्हे पसंद करते थे उन्हें चुन-चुन कर किया जा रहा दूर वीरपाल ने कहा की मुझे लग रहा है कि जो मुलायम सिंह के लोग थे जिन्हें मुलायम सिंह पसंद करते थे और उन पर बहुत भरोसा करते थे उन लोगों को इस पार्टी से चुन-चुन कर दूर किया जा रहा है. उन्होंने अपने त्याग पत्र में लिखा है कि हम लोग साम्प्रदायिक शक्तियों और सरकार की गलत नीतियों का विरोध करते थे. इसके लिए हम लोग जेल तक जाने से नहीं डरते थे. खासकर अल्पसंख्यक और कमजोर तबके के लोगों के साथ हर हाल में खड़े होते थे, लेकिन पिछले करीब 20 महीने से सपा, भाजपा की षड्यंत्रकारी नीतियों का विरोध नहीं कर सकी.
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अनिल चमड़ियावरिष्ठ पत्रकार
Opinion: 'आस्था, भावुकता और चेतना शून्य...', आखिर भारत में ही क्यों होती सबसे ज्यादा भगदड़ की घटनाएं
Opinion