कानपुर: यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ और जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी सोमवार को नामामि गंगे के तहत शहर के 20 घाटों के जीर्णोद्धार कार्यक्रम में शामिल हुए. नितिन गडकरी ने कहा कि मैं नागपुर से सांसद हूं, पांच साल पहले हमने शहर के सीवरेज का पानी बेचना शुरू किया. गंदे पानी को बेचकर हमे साल में 78 करोड़ रुपए मिलते हैं. उन्होंने कहा कि बस सही नेता, सही टेक्नोलॉजी चाहिए उसके बाद से चाहे कितना भी गन्दा पानी हो हम उससे पैसा कमा सकते हैं.


गडकरी ने कहा कि इंडियन ऑयल में जो बायो डाइजेस्ट हमने भरे हैं उसमें से मीथेन निकलता है. मीथेन से co2 अलग करके बायो सीएनजी बनाने के लिए 26 जगहों का चयन किया है जिसमें कानपुर भी है. उत्तर प्रदेश सरकार हमको डीपीआर बनाकर देगी और आठ दिन में उसका क्लीरियंस होगा. जल संसाधन मंत्री ने कहा की यूपी के जितने भी प्रोजेक्ट हैं आठ दिन में मेरे पास आएंगे और हम उसे पूरा क्लीरियंस देंगे. आप काम शुरू करिए जिससे दिसम्बर में सीएम योगी का सपना पूरा हो सके.


कार्यक्रम में शामिल होने से पहले सीएम योगी और जल संसाधन मंत्री अपने लाव लश्कर के साथ गंगा बैराज पहुंचे. नमामि गंगे का भौतिक निरिक्षण करने के बाद सभी नेता चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय पहुंचे. जहां उनका जोरदार स्वागत समारोह हुआ.


नितिन गडकरी ने लोगों को कहा कि गंगा को अविरल और निर्मल करने के लिए 20 हजार करोड़ का प्रावधान है. नमामि गंगे में 10 लाख करोड़ का काम हो चुका है. देश के विकास के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है,गंगा प्रोजेक्ट के लिए जितने पैसे की जरुरत होगी वह दिया जाएगा. नितिन गडकरी ने कहा की 10 शहर गंगा को प्रदूषित करते हैं जिसमें से कानपुर नंबर एक पर है.

जल संसाधन मंत्री ने कहा कि करीब पचास से ऊपर की योजना पूरी कर दी गई है.120 योजना में टेंडर का प्रोसेस शुरू कर दिया गया है वहीं पचास ऐसी योजनाएं हैं जिसका डीपीआर फाइनल स्टेज में है. यमुना पर 34 योजना बनाई जा रही है. दिल्ली में 12 प्रोजेक्ट में से 9 पर काम शुरू किया जा चुका है. हरियाणा में 5 योजना बनाई जा रही है जिसमें से 2 योजना पूरी की जा चुकी है. मथुरा में हाईब्रीड इम्युनिटी में नया मॉडल बनाकर काम शुरू हुआ है, उसमे जो गंदा पानी है उसको शुद्ध किया जाएगा और उस पानी को इंडियन ऑयल खरीदेगा. उसके एवज में हमें साल का 19 करोड़ रुपए मिलेगा.