शाहजहांपुर: स्वामी चिन्मयानंद प्रकरण हर रोज नया मोड़ लेता जा रहा है. पीड़िता ने प्रेस कांफ्रेंस कर चिन्मयानंद पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पीड़िता ने यूपी पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए हैं. पीड़िता ने दो टूक कहा कि यूपी पुलिस पर कतई विश्वास नहीं है, क्योंकि अगर पुलिस ईमानदार है तो फिर दो दिन बाद भी स्वामी के खिलाफ उसके द्वारा दी गई शिकायत पर दुष्कर्म का मामला दर्ज क्यों नहीं किया गया?


संदिग्ध हालात में गायब हुई पीड़िता बरामद होने के बाद पहली बार सोमवार को मीडिया के सामने आई. पीड़िता ने कहा, "एसआईटी ने दिल्ली से शाहजहांपुर पहुंचते ही मुझसे 10-11 घंटे तक पूछताछ की, मगर मेरे द्वारा दी गई शिकायत पर पुलिस ने कोई एफआईआर दर्ज नहीं की है."


पीड़िता उस शिकायत का जिक्र कर रही थी, जिसमें उसने स्वामी चिन्मयानंद पर रेप के आरोप लगाए हैं, जिसे उसने दिल्ली पुलिस को दिए थे. लड़की ने कहा, "स्वामी चिन्मयानंद ने मेरे साथ रेप किया. एक साल तक लगातार उसने मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न किया."


पीड़ित का दावा स्वामी के खिलाफ आरोप का उसके पास है सबूत


पीड़ित ने दावा कि "स्वामी के खिलाफ आरोप का मेरे पास सबूत भी हैं. मेरे हास्टल वाले कमरे को सुरक्षित रखा जाए. वक्त आने पर मैं स्वामी के खिलाफ सभी मजबूत सबूत पुलिस को सौंप दूंगी."


यूपी पुलिस की कार्यशैली पर उठाया सवाल
पीड़िता का सवाल था कि अगर यूपी पुलिस ईमानदार है तो फिर उसे (पीड़िता) स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ बलात्कार की शिकायत दिल्ली में क्यों करनी पड़ी? अगर यूपी पुलिस सहयोग कर रही है तो फिर दो दिन बाद भी एसआईटी ने स्वामी के खिलाफ मेरी शिकायत पर रेप का मामला दर्ज क्यों नहीं किया है?


जिलाधिकारी पर लगाया परिवार को धमकाने का आरोप
लॉ कर रही छात्रा ने जिलाधिकारी पर भी धमकाने का आरोप लगाया. उसने कहा, "मेरे परिवार-परिजनों को शाहजहांपुर के जिलाधिकारी धमका रहे हैं. क्योंकि उन्होंने चिन्मयानंद के खिलाफ शिकायत की है."


लड़की ने कहा कि उसके हॉस्टल का कमरा खोलकर देखा जाए तो जांच एजेंसी को वहां स्वामी के खिलाफ काफी सबूत मिल जाएंगे.


पीड़िता ने कहा- चिन्मयानंद ने सैकड़ों लड़कियों की जिंदगी और इज्जत के साथ खिलवाड़ किया


पीड़िता ने प्रेस-कांफ्रेंस में साफ-साफ कहा कि स्वामी चिन्मयानंद ने उसके जैसी और भी सैकड़ों लड़कियों की जिंदगी और इज्जत के साथ खिलवाड़ किया है.


अचानक गायब हुई पीड़िता को यूपी पुलिस ने 30 अगस्त को राजस्थान से बरामद किया था. उस वक्त वह कुछ अन्य हमउम्र लड़कों के साथ थी. बाद में यूपी पुलिस ने जब पीड़िता को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश किया, तो उसने बताया कि वह स्वेच्छा से अपनी जान सुरक्षित रखने के लिए एक परिचित लड़के के साथ शहर छोड़कर चली गई थी.


बता दें कि 27 अगस्त को पीड़ित छात्रा के पिता ने स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ बेटी के उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इस सिलसिले में शाहजहांपुर के थाना कोतवाली में चिन्मयानंद के खिलाफ अपहरण और जान से मारने की धमकी का मामला दर्ज किया गया था. हालांकि चिन्मयानंद के मुमुक्ष आश्रम द्वारा संचालित कॉलेज में एलएलएम की छात्रा के पिता की शिकायत से पहले ही चिन्मयानंद ने 25 अगस्त को लड़की के खिलाफ ब्लैकमेल कर जबरन धन वसूली करने की कोशिश का मामला दर्ज करा दिया था.


बाद में यूपी पुलिस ने लड़की को राजस्थान में एक लड़के के साथ बरामद किया और उसे सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया. सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश पर यूपी सरकार ने आईजी स्तर के पुलिस अधिकारी के नेतृत्व में दोनों एफआईआर की जांच के लिए एसआईटी गठित की थी. एसआईटी जांच की निगरानी इलाहाबाद हाईकोर्ट कर रही है.


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