नई दिल्ली: पत्रकारिता से राजनीति में आए यूपी बीजेपी नेता शलभमणि के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है. शलभमणि पर आरोप है कि उन्होंने 6 जनवरी को गोरखपुर के निर्मल चौराहे के पास एक मैरिज हाउस में दिव्यांग बच्चों को मोबाइल फोन बांटे. इस कार्यक्रम के लिए ना तो कोई अनुमति ली गई थी और ना ही निर्वाचल अधिकारी को इसकी जानकारी दी गई थी.
जानकारी के मुताबिक शलभमणि ने इस कार्यक्कम में बीजेपी को जिताने की अपील भी की थी. अधिकारियों का कहना है कि आचार संहिता के दौरान किसी भी नेता को कुछ बांटने की इजाजत नहीं दी जा सकती. शलभमणि के खिलाप धारा 188 और धारा 171 के तहत मुकदमा किया गया है.
शलभमणि ने दी सफाई
आचार संहिता उल्लंघन मामले में शलभमणि ने अपने फेसबुक वॉल पर सफाई दी है. शलभमणि ने लिखा, ''गोरखपुर में दिव्यांग बच्चों के लिए ईमानदारी से काम करने वाली एक संस्था ने मुझे बताया था कि ये बच्चे मुझसे मिलना चाहते हैं, इसीलिए तमाम व्यस्तताओं के बीच इस संस्था के बुलावे पर मैं उनके कार्यक्रम में गया.''
उन्होंने लिखा, ''इस दौरान संस्था की तरफ़ से इन बच्चों को कुछ उपयोगी उपकरण बाँटे गए, इसी मामले में मेरे ख़िलाफ़ गोरखपुर में आचार संहिता के उल्लंघन का एक मामला दर्ज कराया गया है, हालाँकि क़ानूनी जानकारों का कहना है कि पूरे तौर पर ग़ैर राजनीतिक कार्यक्रम होने के नाते ये आचार संहिता के का मामला नहीं बनता.''