शामली: शामली के गोगर शुगरमिल में केन मैनेजर जनविजय सिंह ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है. आत्महत्या से पहले छोड़े गये सुसाइड नोट में जनविजय ने अपने जीजा और रिटायर्ड आईएएस अधिकारी विनोद पंवार को प्रताड़ना का दोषी बताया है.


विनोद पंवार ने नोटबंदी के दौरान जनविजय को पुरानी करेंसी बदलवाने के लिए करोड़ों रूपये दिये थे. पैसा किसानों के पास फंस गया जिसके चलते विनोद पंवार ने उसकी जमीन कब्जा ली और धमकियां देना शुरू कर दिया. पुलिस ने रिटायर्ड आईएएस के खिलाफ इस मामले में केस दर्ज कर लिया है.

शामली के बधेव गाँव के निवासी केन मैनेजर जनविजय सिंह ने 11 जुलाई की शाम को अपने घर के एक कमरे में खुद को गोली मारकर खत्म कर लिया. पुलिस जॉच में मौके से एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें जनविजय ने सुसाइड करने की वजह बताई है.

जनविजय ने अपनी मौत के लिए अपने बड़े जीजा और रिटायर्ड आईएएस अधिकारी विनोद पंवार को दोषी बताते हुए लिखा है कि नोटबंदी के दौरान विनोद पंवार ने उसे किसानों के जरिये पुरानी करेंसी बदलवाने का दबाब बनाया था. उसने पहले मना किया लेकिन फिर रिश्तेदार होने के कारण वह नोट बदलवाने के लिए राजी हो गया.

जनविजय की पत्नी अंजू की ओर से दर्ज एफआईआर में लिखा है कि विनोद पंवार ने उसके पति पर 20 करोड़ रूपये की पुरानी करेंसी बदलवाने के लिए दबाब बनाया था. पति ने मोटी रकम की पुरानी करेंसी बदलवाई भी लेकिन बाद में विनोद पंवार उसे प्रताड़ित करने लगा.

जनविजय के सुसाइड नोट के अनुसार करेंसी बदलवाने के लिए दिया गया रूपया किसानों के पास फंस गया जिसकी वापसी भी नही हो पा रही थी. इसी वजह से विनोद पंवार उसे बार-बार धमका रहा था. विनोद पंवार ने जनविजय की मां के नाम 6 बीघा खेत भी अवैध रूप से कब्जा लिया था.

रिटायर्ड आईएएस विनोद पंवार पश्चिमी उत्तर-प्रदेश के कई जिलों में जिलाधिकारी रहे हैं और फिलहाल गाजियाबाद में रहते हैं. पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की धारा 306/506 के तहत केस दर्ज कर लिया है. शामली के एएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि मामले की जॉच की जा रही है. जल्द ही सख्त कार्रवाई की जायेगी.