मुंबई: कोरोना वायरस से देश लड़ रहा है और ऐसे मौके पर देश के नेता भी राजनीति छोड़ मिलकर इस लड़ाई में एकजुट नज़र आ रहे है. एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि देश में आज तक जितने संकट आए है उनमें यह सबसे ज्यादा गंभीर है. कोरोना संकट का असर आम परिवार से लेकर देश की अर्थव्यवस्था पर होगा. उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि वो किसानों के हित में फ़ैसले ले जिससे कि उनकी फसल को इस संकट के दौर में दाम मिल सके.
शरद पवार ने कहा कि केंद्र सरकार के साथ -साथ स्थानीय संस्थाओं ने भी जिम्मेदारी संभाली है. वित्तमंत्री ने कई सहूलियत और राहत दी हैं. इसका हम स्वागत करते हैं. पवार ने कहा है कि केंद्र सरकार और रिज़र्व बैंक के फ़ैसले जनता को राहत पहुंचाने वाले हैं लेकिन आगे किसानों के लिए भी सरकार को ऐसे और फ़ैसले लेने चाहिए. उन्होंने सलाह दी कि किसानों की फसल कैसे बाजार जाएगी, कैसे उसको दाम मिलेगा, जिसके पास पैसे नहीं हैं उन्हें नए तरीक़े से कर्ज मिले इसकी व्यवस्था की जाए.
पवार ने कपास किसानों के संदर्भ में कहा कि कपास के किसानों को मदद की जरूरत है. किसानों ने जो उत्पादन किया है उसका दाम नहीं मिल रहा है. जिससे किसान काफी परेशान हैं. सभी बैंकों को मिलकर आरबीआई से निवेदन करना चाहिए कि छोटे उद्योग को और कर्ज कम किया जाए ताकि उद्योगों को बचाया जा सके.
शरद पवार ने कहा कि वे भी लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं और कई दिनों से घर से बाहर नहीं निकले हैं. केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जितनी सूचना आप को दी जा रही है उसका पालन करें. जो इस संकट में काम कर रहे हैं पुलिस उनकी मदद करे.
शरद पवार ने कोरोना वॉ़रियर्स का अभिनंदन करते हुए कहा कि जो भी लोग इस संकट के काल में काम कर रहे हैं उनका मैं अभिनंदन करता हूं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को इन्हें प्रोत्साहित करने के लिए इंक्रीमेंट देना चाहिए. शरद पवार ने बताया कि पार्टी की तरफ से हमने जाहिर किया है कि सांसद और विधायक और पार्टी पदाधिकारी अपना 1 महीने का वेतन देंगे.
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