नई दिल्ली: बिहार के मुजफ्फरपुर में बालिका गृह यौन शोषण मामले को लेकर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने आज जंतर-मंतर पर कैंडल मार्च और धरने का आयोजन किया है. आरजेडी की ओर से इस धरने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल, टीएमसी और सपा समेत कई दलों को इसमें शामिल होने के लिए निमंत्रण भेज गया है.


इसके साथ ही आरजेडी से सांसद जय प्रकाश नारायण यादव, मनोज झा, एमएलसी कमर आलम, विजय प्रकाश पूर्व मंत्री बिहार, अन्य सांसद विधायक मौजूद होंगे. दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र यादव और दिल्ली प्रदेश आरजेडी के तमाम पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे. ये महाधरना आज शाम 5.30 बजे जंतर-मंतर पर होगा.


नीतीश ने तोड़ी चुप्पी
बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर शेल्टर होम में हुए रेप कांड पर आखिरकार कल राज्य के सीएम नीतीश कुमार ने अपनी चुप्पी तोड़ दी. देश को हिलाकर रख देने वाले इस जघन्य अपराध को उन्होंने शर्मसार करार दिया. उन्होंने ये भी सवाल उठाया कि ऐसा करने वाले आखिर किस मानसिकता के लोग हैं.


राज्य के मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को मामले पर पहली बार बोलते हुए कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच हो रही है. साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि उन्होंने एडवोकेट जेनरल से कहा है कि हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग में सीबीआई जांच होनी चाहिए.


बिहार जैसे राज्य की कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए फेमस नीतीश ने इस घिनौनी घटना पर कहा कि इसका ध्यान रखना होगा कि मामले में कोई बचने ना पाए. ये भी देखना होगा कि हमारे सिस्टम में क्या दिक्कतें हैं. उन्होंने कहा कि जो किया गया है वो पाप है और इसकी सज़ा तो मिलनी ही चाहिए.


सुप्रीम कोर्ट ने लिया मामले का स्वत: संज्ञान
बिहार के मुजफ्फरपुर में लड़कियों के साथ हुए रेप के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को स्वत: संज्ञान लिया जिसके बाद इसने बिहार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया. अदालत ने दोनों ही सरकारों से विस्तृत जानकारी मांगी है. साथ ही शीर्ष अदालत ने मुजफ्फरपुर मामले में रेप पीड़िताओं का इंटरव्यू प्रसारित नहीं करने का निर्देश दिया और कहा कि उन्हें बार-बार अपने अपमान को दोहराने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता.


सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कथित रेप पीड़ितों की तस्वीरों का रूप बदलकर भी इलेक्ट्रानिक मीडिया पर प्रसारित नहीं किया जा सकता है. अदालत ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) से भी सहायता मांगी है. मुजफ्फरपुर शेल्टर हाउस मामला इस साल की शुरुआत में प्रकाश में आया था जब बिहार समाज कल्याण विभाग ने टीआईएसएस द्वारा किए गए सोशल ऑडिट के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की.


पूरे मामले की जांच सीबीआई कर रही है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 34 नाबालिग लड़कियों के साथ महीनों तक रेप किया गया. प्रशासन पर आरोप है कि रेप की रिपोर्ट आने के बावजूद कार्रवाई नहीं की गई. आपको बता दें कि मुजफ्फपुर मामले को लेकर विपक्षी दल लगातार नीतीश सरकार पर निशाना साध रही है. इसे लेकर कल वामदलों ने बिहार बंद बुलाया था. बंद का आरजेडी और कांग्रेस भी समर्थन किया था.


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