रायबरेली: समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने शनिवार को यूपी के रायबरेली में कहा कि पहले वाली सरकार के प्रधानमंत्री मौनी बाबा थे तो आज की सरकार के प्रधानमंत्री फेंकू हैं. उन्होंने कहा कि आज के प्रधानमंत्री काम कुछ नहीं करते, लेकिन बातें बड़ी-बड़ी और मीठी करते हैं.



रायबरेली की बछरांवा विधानसभा क्षेत्र के विधायक रामलाल अकेला की माता की मूर्ति के अनावरण पर आयोजित समारोह में शिवपाल ने कहा, "हमारे विधायक अकेला जी ने जिस मां की कोख से जन्म लिया उसका मान रखा है."


उन्होंने कहा कि माता-पिता को हमेशा याद रखना चाहिए. जो लोग अपने बड़ों का मान रखते हैं, जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं और ऊंचाइयों पर पहुंचते हैं.


गांव और गरीबों से ही की विकास की शुरुआत


शिवपाल यादव ने कहा, "आपने कांग्रेस, बीजेपी, बीएसपी और एसपी सभी का शासन देखा है. कौन खरा उतरा, किसने काम किया, केवल समाजवादी पार्टी ने. जब-जब नेताजी मुलायम सिंह यादव ने सत्ता संभाली तब-तब गांव और गरीबों से ही विकास की शुरुआत की. किसानों के कर्जे माफी हो या लड़कियों की फीस माफी, सब नेताजी के कार्यकाल में हुई."


शिवपाल ने व्यंग्य कसा कि प्रधानमंत्री ने बैंकों में 15-15 लाख रुपये जमा कराने के लिए गरीबों के खाते तो खुलवा दिए, लेकिन उनमें हमारी अखिलेश सरकार ने समाजवादी पेंशन के रूप में 500-500 रुपये जमा कराए.



शिवपाल के खिलाफ राजनीतिक दुरुपयोग की जांच


समाजवादी पार्टी में छिड़ी चाचा-भतीजे की जंग आने वाले दिनों में नया मोड़ ले सकती है. बताया जाता है कि मुख्यमंत्री पद पर आसीन भतीजे अखिलेश यादव अपने चाचा, एसपी के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व लोक निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ पद का राजनीतिक दुरुपयोग किए जाने के मामले में जांच करने को कहा है. साथ ही इस पूरे मामले में विशेष सचिव गोपन को जांच कर 16 जनवरी, 2017 तक रिपोर्ट देने को कहा है.



पूर्व मंत्री शिवपाल द्वारा प्रदेश सरकार के सूचना और जनसंपर्क विभाग का राजनीतिक दुरुपयोग किए जाने के संबंध में एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर द्वारा भेजी गई शिकायत की जांच करा रही है.


2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता


अपने पत्र में नूतन ने कहा था, "शिवपाल सिंह 18 जून, 2016 को फैजाबाद गए थे जहां उन्होंने एक पुराने एसपी नेता श्रीपाल यादव को 20 साल तक पार्टी का झंडा ढोने के एवज में 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की और सूचना विभाग ने इस संबंध में सरकारी प्रेसनोट निर्गत किया, जो पूरी तरह गलत है और राजनीतिक हित में सरकारी तंत्र का सीधा दुरुपयोग है."


इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से मुख्यमंत्री के विशेष सचिव अजय कुमार सिंह ने अपने पत्र दिनांक 15 दिसंबर, 2016 द्वारा विशेष सचिव (गोपन) को जांच कर 16 जनवरी, 2017 तक आख्या देने को कहा है.