लखनऊ: मुसायम सिंह यादव के परिवार में एक बार फिर घमासान की खबर है. समाजवादी पार्टी से उपेक्षित चल रहे शिवपाल यादव ने सेक्युलर मोर्चा बनाने के संकेत दिए हैं. शिवपाल ने कहा जो लोग उपेक्षित हैं, जिन्हें अभी अधिकार नहीं मिला है उन्हें एकसाथ किया जाएगा. लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर शिवपाल ने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि अपने संगठन को मजबूत करने का काम करेंगे.


हाल ही में अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव ने पार्टी में अपनी उपेक्षा का बड़ा आरोप लगाया था. उन्होंने कहा कि मुझे पार्टी में कोई जिम्मेदार पद नहीं दिया गया और डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी मैं इंतजार ही कर रहा हूं. अब कोई दूसरा रास्ता खोजना पड़ेगा. इस बयान से साफ है कि एसपी में चाचा-भतीजे यानी अखिलेश और शिवपाल के बीच सबकुछ सही होने के कोई आसार नहीं हैं.





शिवपाल यादव ने कहा था कि मुझे पार्टी में ज़िम्मेदारी नहीं मिल रही है, इंतजार करते-करते डेढ़ साल हो चुका है. उसके साथ ही ये भी कहा कि आखिर कितनी उपेक्षा बर्दाश्त की जाये, सहने की भी सीमा होती है. फिर भी मैं चाहता हूं कि सब मिल कर लड़ें.


समाजवादी पार्टी के अंदर और बाहर इस बात की बड़ी चर्चा है कि शिवपाल यादव आख़िर क्या करेंगे ? क्या वे कोई नई पार्टी बनायेंगे या फ़िर किसी और पार्टी के नेता बन जायेंगे ? समाजवादी पार्टी में अब शिवपाल चाचा की चलती नहीं है. भतीजे अखिलेश यादव से उनका छत्तीस का रिश्ता तो जगज़ाहिर है. सूत्र बताते हैं कि शिवपाल यादव कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों के संपर्क में है. उनके क़रीबियों की मानें तो शिवपाल यादव अगला लोकसभा चुनाव लड़ने के मूड में हैं. झंडा और बैनर अभी तय नहीं है. लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी में उनके लिए रास्ता अब बंद हो चुका है.





सेक्युलर मोर्चा को लेकर अफवाहों का बाजार पहले से भी गर्म रहा है. पिछले दिन खबर आई थी कि मोर्चे के तहत यूपी को 4 जोन में बांटा जाएगा. हर जोन का एक इंचार्ज होगा. जिम्मेदारियों देने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है आने वाले दिनों सब व्यवस्थित हो जाएगा.


शिवपाल यादव के समर्थकों ने सेक्युलर मोर्चा बना लिया है. समाजवादी पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके फ़रहत खान इसके कर्ता-धर्ता हैं. कई जिलों में इस मोर्चा का गठन भी हो चुका है. राज्य भर के शिवपाल यादव के समर्थकों को इस मोर्चा से जोड़ा जा रहा है. जन संपर्क अभियान कर शिवपाल यादव भी अपनी राजनैतिक ताक़त तौल रहे हैं.


पिछले साल इटावा में अपने बहनोई अजंट सिंह के घर पर मुलायम के साथ बैठक के बाद शिवपाल ने कहा था, ‘‘सामाजिक न्याय के लिये सेक्युलर मोर्चा बनेगा और नेताजी (मुलायम सिंह यादव) उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे.’’ अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी चाचा शिवपाल द्वारा ‘सेक्युलर मोर्चा’ गठित किये जाने के सवाल पर एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि अगर सेक्युलर मोर्चा बनता है तो अच्छी बात है.


एसपी विधायक और पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल ने पिछले दिनों कहा था कि अखिलेश अपने वादे के मुताबिक मुलायम को पार्टी अध्यक्ष पद सौंपें. अगर अखिलेश ऐसा नहीं करते हैं तो वह अलग ‘सेक्युलर मोर्चा’ बनाएंगे.


इसके पहले शिवपाल सिंह यादव ने नई पार्टी बनाने की अटकलों को खारिज किया था. शिवपाल यादव ने कहा कि वे अब भी एसपी मुखिया मुलायम सिंह यादव के साथ हैं और उनकी प्रार्थना है कि परिवार फिर से एकजुट हो.


अपने जन्मदिन के मौके पर शिवपाल यादव ने नई पार्टी बनाने के बारे में पूछे जाने पर कहा था, ‘‘हम नेताजी के साथ हैं. नेताजी का जो आदेश होगा, हम उसका पालन करेंगे.’’ उन्होंने कहा था, ‘‘हम सब लोगों की यही प्रार्थना है कि परिवार एक हो जाए. एक होकर ही हम सांप्रदायिक शक्तियों और भ्रष्टाचार से लड़ सकते हैं.’’