लखनऊ: समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के मुखिया शिवपाल सिंह यादव काठमांडू पहुंच गए हैं, वे वहां पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन करेंगे. फिर इटावा लौट कर अपने समर्थकों के साथ बैठक करेंगे. सूत्रों की मानें तो पशुपतिनाथ के दर्शन के बाद वे यूपी का दौरा शुरू करना चाहते हैं. पिछले दिनों पीएम नरेन्द्र मोदी और राहुल गांधी ने भी काठमांडू जाकर पशुपतिनाथ महादेव की पूजा की थी.


शिवपाल का दावा- 2022 में उनके मोर्चे के बिना यूपी में सरकार नहीं बन सकती 


समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाने के बाद से ही शिवपाल यादव एक्शन में हैं. अखिलेश यादव से नाराज़ चल रहे नेताओं को वे लगातार इस मोर्चे से जोड़ने में जुटे हुए हैं. काठमांडू रवाना होने से पहले शिवपाल यादव ने कहा कि 2019 का लोकसभा चुनाव वे पूरे दमख़म से लड़ेंगे. उनका दावा है कि 2022 में उनके मोर्चे के बिना यूपी में सरकार नहीं बन सकती है. समाजवादी पार्टी में लगातार उपेक्षित रहने के बाद शिवपाल यादव अब अलग राह पर हैं. 36 साल पहले जिस पार्टी को बनाने में उनका रोल रहा, अब वे उसी से आर पार की लड़ाई लड़ रहे हैं.


तेजी से हो रही है उपेक्षित नेताओं को गोलबंदी


शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी में उपेक्षित नेताओं को गोलबंद करना शुरू कर दिया है. वे अब ऐसे नेताओं को धीरे-धीरे समाजवादी सेक्युलर मोर्चा से जोड़ रहे हैं. इटावा के पूर्व सांसद रघुराज शाक्य अब समाजवादी पार्टी को छोड़ कर मोर्चा में शामिल हो गए हैं. वे इटावा से दो बार लोकसभा के एमपी रहें. शाक्य एक बार विधायक भी रह चुके है. अपने समर्थकों के संग उन्होंने पार्टी छोड़ दी.


शारदा प्रताप शुक्ल, शादाब फ़ातिमा सहित कई ने थामा समाजवादी सेक्युलर मोर्चे का दामन


अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे शारदा प्रताप शुक्ल भी समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के नेता बन गए हैं. वे लखनऊ से विधायक भी रहे. यूपी की पूर्व कैबिनेट मंत्री शादाब फ़ातिमा ने भी समाजवादी पार्टी का साथ छोड़ दिया है. वे शिवपाल यादव के सेक्युलर मोर्चा में शामिल हो गईं हैं. वे ग़ाज़ीपुर से दो दो बार विधायक रह चुकी हैं. पीस पार्टी के पूर्व विधायक कमाल यूसुफ़ ने भी समाजवादी सेक्युलर मोर्चा का दामन थाम लिया है. वे सिद्धार्थनगर जिले से विधायक चुने गए थे.


राज्य के लोकसभा की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगी शिवपाल की पार्टी


शिवपाल यादव की कोशिश है कि पहले ग़ैर यादव नेताओं को मोर्चा से जोड़ा जाये. समाजवादी पार्टी में अखिलेश यादव ने जिन नेताओं को किनारे लगा दिया था. वे धीरे-धीरे शिवपाल के मोर्चे में जगह बनाने लगे हैं. तैयारी इस बात की है कि यूपी के सभी 75 जिलों में कम से कम मोर्चा का ऑफ़िस खुल जाये. शिवपाल यादव पहले ही एलान कर चुके हैं कि उनकी पार्टी राज्य के लोकसभा की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. यूपी के कुछ इलाक़ों में उनके समर्थक अखिलेश यादव के साइकिल की हवा निकाल सकते हैं.