वही गोमती रिवर फ्रंट जिसका निर्माण शिवपाल यादव के मंत्रालय की देखरेख में हुआ है और जिसकी जांच के आदेश सीएम बनने के साथ योगी आदित्यनाथ ने दिया है.
करीब 1500 करोड़ रुपए की गोमती रिवर फ्रंट परियोजना के लिए अब तक 1433 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं. इसमें से 1427 करोड़ रुपए खर्च भी हो चुके हैं. विभाग का कहना है कि परियोजना को पूरा करने के लिए अभी करीब 1500 करोड़ रुपए की और जरूरत है. लेकिन हालत ये है कि अभी गोमती रिवर फ्रंट में नाले गिर रहे हैं. गोमती रिवर फ्रंट की इस बदहाली से नाराज योगी ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिये हैं.
योगी आदित्यानथ ने जब गोमती रिवर फ्रंट की जांच के आदेश दिये तो शिवपाल यादव ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है. लिहाजा उन्हें किसी तरह की जांच से कोई फर्क नहीं पड़ता है. लेकिन आज वो जिस तरह से योगी से मिलने पहुंचे, उसके बाद कई लोग कह रहे हैं मुलाकात का सबब गोमती रिवर फ्रंट तो नहीं हैं?
शिवपाल से पहले मुलायम की दूसरी बहू अपर्णा यादव भी योगी आदित्यनाथ से दो बार मिल चुकी हैं. पहले वो सीएम से मिलने पहुंची, उसके बाद योगी आदित्यनाथ अपर्णा की गोशाला पहुंचे थे. अपर्णा यादव साफ साफ ना कहके भी बहुत कुछ कह गईं लेकिन शिवपाल यादव तो बिना कुछ बोले निकल लिये. कुछ लोग उनकी खामोशी को गोमती रिवर फ्रंट से जोड़ रहे हैं तो कुछ बीजेपी से बढ़ती नजदीकियों से. अब देखिए मुलायम के करीबी और अखिलेश के विरोधी माने जानेवाले शिवपाल और अपर्णा की योगी से ये मुलाकात क्या गुल खिलाती
है ?