राम मंदिर: शिवपाल यादव की दो टूक- विवादित जमीन पर नहीं बनना चाहिए मंदिर
शिवपाल ने कहा कि विवादित जमीन पर मंदिर नहीं बनना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर मंदिर बनाना है तो सरयू के किनारे कहीं जमीन तलाश लो. सरकार के पास जमीन की कमी नहीं होती है.
लखनऊ: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने बीजेपी पर देश को कमजोर करने का आरोप मढ़ते हुए राम मंदिर पर बड़ा बयान दिया और कहा कि विवादित जमीन पर मंदिर नहीं बनना चाहिए.
शिवपाल ने अपनी नवगठित पार्टी के पहले शक्ति प्रदर्शन के रूप में रमाबाई मैदान पर ‘जनाक्रोश रैली’ की. उन्होंने कहा, ‘‘विवादित जमीन पर मंदिर नहीं बनना चाहिए. मेरा सीधा कहना है कि सुप्रीम कोर्ट की कहीं अवहेलना नहीं होनी चाहिए. अगर मंदिर बनाना है तो सरयू के किनारे कहीं जमीन तलाश लो. सरकार के पास जमीन की कमी नहीं होती है.’’
उन्होंने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि उसने देश को कमजोर किया है और वह लोकसभा चुनाव में सियासी फायदा लेने के लिये दंगा भड़काना चाहती है. ‘‘हम बीजेपी को देश और प्रदेश से हटाएंगे. हम शांति और भाईचारा चाहते हैं लेकिन सांप्रदायिक लोग दंगे भड़काना चाहते हैं.’’
रैली में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव भी आए. उनके इस कार्यक्रम में आने पर संशय था लेकिन वह ना सिर्फ शरीक हुए, बल्कि भाषण भी दिया.
शिवपाल ने कहा कि वर्ष 1992 में तत्कालीन बीजेपी सरकार द्वारा सुरक्षा की गारंटी का हलफनामा देने के बावजूद बाबरी मस्जिद को तोड़ दिया गया था. वह देश में फिर से वैसी ही आग फैलाना चाहती है. हम और नेता जी (सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव) मुसलमानों के साथ खड़े हैं.
उन्होंने कहा कि पिछली 25 नवम्बर को अयोध्या में ‘धर्म सभा‘ के नाम पर माहौल खराब करने की कोशिश की गयी थी लेकिन प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के लोग सड़कों पर निकल पड़े थे कि हम अयोध्या में दंगा नहीं होने देंगे.
शिवपाल ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि हमारा प्रदेश शासन में बदलाव के लिए तैयार है और देश इस बात का साक्षी होगा. यह बदलाव वर्ष 2019 में भी देखने को मिलेगा. हमारे मतदाता लोगों को बांटने और तोड़ने की चालबाजी को बर्दाश्त नहीं करेंगे और 2019 के चुनाव में बीजेपी को बाहर का रास्ता दिखाकर सबक सिखाएंगे.
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तंज करते हुए कहा ‘‘आप का सीना 56 इंच का होगा लेकिन उसमें दम नही है. बड़े बड़े वायदे हुए कि मैं चौकीदार हूं, इस देश में भ्रष्टाचार नहीं होने दूंगा, मगर वह सब धोखा था. भगोड़े कारोबारी बैंकों के हजारों करोड़ रुपये लेकर भाग गये. यह चौकीदार का भ्रष्टाचार नियंत्रण में फेल होने का सबसे बड़ा उदाहरण है.’’
प्रसपा-लो प्रमुख ने कहा कि सभी गरीब सवर्णों का भी विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए. आर्थिक आधार पर उनका भी आरक्षण होना चाहिए. हम सबका सम्मान करते हैं. जब से पीएसपी बनायी है, तभी से कह रहे हैं कि जो उपेक्षित हैं, हमारे साथ आइये, हम सम्मान देंगे. हम देश में परिवर्तन लाएंगे.
शिवपाल ने कहा कि वर्तमान बेईमान, निकम्मी और झूठी सरकार को हटाने की आवश्यकता है. हम कर्मचारियों को पुरानी पेंशन भी देना चाहते हैं. वादा करते हैं कि हम पुरानी पेंशन दिलाने का काम करेंगे. संविदाकर्मियों को भी समायोजित करने की दिशा में हम गंभीरता से प्रयत्न करेंगे.
रैली में उस समय असहज स्थिति पैदा हो गयी जब मुलायम ने प्रसपा की जगह सपा की चर्चा करना शुरू कर दिया. मुलायम बोले कि समाजवादी पार्टी सबको लेकर चलती है. सबको इंसान मानती है. चाहे अगड़ा हो या पिछड़ा, हिन्दू हो या मुसलमान. सपा को मजबूत करना है. बगल में खड़े शिवपाल ने जब मुलायम को टोका तो मुलायम ने सपा का नाम लेना बंद किया.
शिवपाल ने कहा कि नेता जी (मुलायम) भी आज यहां हैं. हम हमेशा सपा में नेता जी के साथ ही रहना चाहते थे. ‘‘मैंने तो कभी कुछ नहीं मांगा. सिर्फ नेता जी के आदेश का पालन किया। मुख्यमंत्री, क्या मंत्री पद के लिए भी कभी नहीं कहा. मुझे सिर्फ सम्मान चाहिए. वही, मैंने मांगा.’’
शिवपाल ने दावा किया कि उन्होंने नयी पार्टी मुलायम की सहमति से बनायी है. उन्होंने कहा कि आज जो नौबत आयी है, वह चुगलखोरों की वजह से आयी है.
रैली स्थल रमाबाई अंबेडकर मैदान पूरी तरह भरा हुआ था. मैदान के बाहर की सड़कों पर भी जनसैलाब उमड़ा था. रैली में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और उनकी छोटी बहू अपर्णा यादव शामिल हुए.
रैली स्थल की ओर आने जाने वाले रास्तों पर जबर्दस्त जाम था. रमाबाई मैदान के सामने शहीद पथ पर भी रैली में आये वाहन खड़े होने की वजह से जाम लगा रहा. भीड़ और वाहनों को काबू करने में पुलिसकर्मियों को खासी मशक्कत करनी पड़ी.