लखनऊ: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख व पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि अयोध्या में हो रही धर्मसभा के पूरे मामले पर योगी सरकार मौन है. जब अयोध्या में धारा 144 लागू है, तब वहां भीड़ का एकत्र होना राज्य सरकार व जिला प्रशासन की मंशा पर संदेह पैदा करता है.


उन्होंने कहा कि पहले भी ऐस हालात हो चुके हैं. उस वक्त सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देने के बावजूद सरकार उसका पालन नहीं कर सकी थी. यूपी ही नहीं, पूरा देश दंगों की आग में जला गया था और हजारों लोगों को जान व माल का नुकसान सहना पड़ा था.


शिवपाल राज्यपाल राम नाईक से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि अयोध्या मामला सुप्रीम कोर्ट में है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि राम मंदिर बनाने के लिए सरयू किनारे बहुत जगह पड़ी है, वहां मंदिर बनाएं. बाबरी मस्जिद की जगह मंदिर बनाने की जिद क्यों है?


उन्होंने कहा कि ऐसा काम न हो जिससे देश में तनाव और दंगे हों. एक बार पूरी दुनिया में बदनामी हो चुकी है, दोबारा न हो.


अयोध्या में भगवान राम की विराट मूर्ति लगाए जाने के सवाल पर शिवपाल ने कहा कि लंबी मूर्ति लगाने से लोगों को रोजगार नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि मूर्तियां लगाकर, नाम बदलकर कुछ नहीं होता है. अब जनता मंदिर-मस्जिद के चक्कर में नहीं आएगी.


उन्होंने कहा कि यूपी में कहीं पर भी विकास का काम नहीं हो रहा है. पुलिस थानों समेत सभी जगहों पर भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार है. एसडीएम से सीडीओ तक भ्रष्टाचार में लिप्त हैं.


बता दें कि इससे पहले शिवपाल सिंह यादव ने कहा था कि राम मंदिर विवादित स्थल पर नहीं बनना चाहिए. उन्होंने कहा था कि जब चुनाव आता है तब बीजेपी के लोग राम मंदिर का मुद्दा उठाते हैं. जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो विवादित जमीन पर मंदिर नहीं बनना चाहिए. मंदिर कहीं और बना लो. इसके लिए या तो आम सहमती बने या फिर कोर्ट ने फैसले का इंतजार किया जाए.