लखनऊ: अगले लोकसभा चुनाव में शिवपाल यादव नई पार्टी के साथ चुनाव मैदान में उतरेंगे. नई पार्टी का नाम और नया चुनाव निशान भी तय हो गया है. बस चुनाव आयोग की हरी झंडी का इंतज़ार है. अपने क़रीबी नेताओं के साथ बैठक के बाद शिवपाल को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी नाम पसंद आया. इसी नाम से नई पार्टी रजिस्टर कराने के लिये चुनाव आयोग में अर्ज़ी दे दी गई है. वैसे शिवपाल यादव को नई पार्टी के लिए कई नाम सुझाए गए. उन्हें तो एक बार लोहिया समाजवादी पार्टी नाम भी पसंद आ गया था. लेकिन चर्चा प्रगतिशील समाजवादी पार्टी यानी पीएसपी पर ख़त्म हुई.पिछले ही महीने उन्होंने नई पार्टी बनाने का एलान किया था.
जल्द ही झंडा, बैनर और पार्टी का नाम बदल जायेगा
पिछले कुछ हफ़्तों से समाजवादी सेक्युलर मोर्चा का नेता बन कर शिवपाल यादव दौरे पर हैं. लेकिन जल्द ही झंडा, बैनर और पार्टी का नाम बदल जायेगा. शिवपाल यादव चाहते हैं कि जनता दल वाला चक्का चुनाव निशान उन्हें मिल जाए. आयोग ने इस चुनाव चिह्न को ज़ब्त कर रखा है. अगर ऐसा न हो पाया तो कार, बाइक जैसे चुनाव निशान लेने के लिए शिवपाल समर्थकों ने आवेदन कर रखा है. दिल्ली से सहारनपुर के लिए रवाना होते समय शिवपाल ने बताया कि जल्द ही नई पार्टी के नाम का एलान कर देंगे.
तेजी से पैठ जमा रहा है समाजवादी सेक्युलर मोर्चा
समाजवादी पार्टी से अलग होने के बाद से ही वे लगातार यूपी के अलग-अलग इलाक़ों के दौरे पर हैं. अखिलेश यादव से नाराज़ चल रहे लोगों को अपनी पार्टी से जोड़ रहे हैं. दो दर्जन जिलों में शिवपाल समर्थकों ने ऑफ़िस भी खोल लिया है. अब तक 14 मंडलों में पार्टी के प्रभारी भी तय कर लिए गए हैं. दर्जन भर प्रवक्ता और मीडिया पैनलिस्टों के नाम का एलान हो चुका है.
फ़िरोज़ाबाद से लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं शिवपाल
मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल यादव अब परिवार से अलग राह पर हैं. भतीजे अखिलेश यादव से उनकीं नहीं बनी. बीच बचाव के सारे रास्ते बंद होने पर अब शिवपाल यादव की तैयारी नई पार्टी के साथ चुनाव लड़ने की है. ख़बर है कि वे ख़ुद भी फ़िरोज़ाबाद से लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं. अभी उनके भतीजे अक्षय यादव यहां से सांसद हैं. शिवपाल यादव ने तो मायावती से उनकी पार्टी को संभावित गठबंधन में शामिल करने की अपील की है. उनका दावा है कि कुछ छोटी पार्टियां उनके संपर्क में हैं.