यूपी: शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी को मिला चुनाव चिन्ह ‘चाबी’
खबरों के मुताबिक शिवपाल यादव मुलायम सिंह यादव की सीट को छोड़कर सूबे की सभी लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
लखनऊ: चुनाव आयोग ने शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी को ‘चाबी’ का चुनाव चिन्ह दिया है. चुनाव आयोग ने आज ही ये चुनाव चिन्ह उन्हें आवंटित किया है. खबरों के मुताबिक शिवपाल यादव ने चुनाव आयोग से कार, मोटर साइकिल या चक्र चुनाव चिह्न मांगा था. साल 1989 में चुनाव चिह्न ‘चक्र’ जनता दल को मिला था.
बता दें कि इसी साल समाजवादी पार्टी छोड़कर शिवपाल यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बनाई थी. खबरों के मुताबिक शिवपाल यादव मुलायम सिंह यादव की सीट को छोड़कर सूबे की सभी लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. कल शिवपाल यादव ने कांग्रेस गठबंधन करने का भी इशारा किया था.
Shivpal Yadav's Pragatisheel Samajwadi Party (Lohia) has been allotted the chaabi (key) symbol by Election Commission. (File pic) pic.twitter.com/l3tHeVUGmX
— ANI UP (@ANINewsUP) January 14, 2019
कांग्रेस से गठबंधन करने के एक सवाल के जवाब में शिवपाल यादव ने कहा था, ‘’आगामी लोकसभा चुनाव में हम कांग्रेस से गठबंधन करने को तैयार हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘’अभी हमारी बात तो कांग्रेस से नहीं हुई है, लेकिन जितनी भी सेकुलर पार्टी हैं. जिसमें से एक कांग्रेस भी है. अगर कांग्रेस हमसे गठबंधन के लिए संपर्क करेगी तो हम बिल्कुल तैयार हैं.’’
यूपी की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस
कांग्रेस के उत्तर प्रदेश इकाई के प्रभारी गुलाम नबी आजाद और प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यूपी की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस यूपी और देश का चुनाव राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरी शक्ति के साथ अपनी विचारधारा को आगे रखते हुए डटकर लड़ेगी और बीजेपी को हराएगी. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की तैयारी पूरी है. कोई कांग्रेस कार्यकर्ता गठबंधन से निराश नहीं है.
38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी सपा-बसपा
समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने कल प्रेस कॉन्फ्रेंस करके 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान किया था. कांग्रेस के लिये अमेठी और रायबरेली की सीटें छोड़ी गई हैं, जबकि दो सीटें छोटे दलों के लिये आरक्षित की गई हैं. माना जा रहा है कि दो सीटें निषाद पार्टी और पीस पार्टी के लिए छोड़ी गई हैं. निषाद पार्टी का निषाद बिरादरी में प्रभुत्व माना जाता है वहीं पीस पार्टी का पूर्वांचल की मुस्लिम बिरादरी में असर माना जाता है.
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