शिवपाल के बेटे का अखिलेश को चैलेंज, कहा- अगर पार्टी कहेगी कि कन्नौज से चुनाव लड़ना है तो मैं लडूंगा
बता दें कि शिवपाल सिंह यादव को समाजवादी पार्टी का सबसे बड़ा रणनीतिकार माना जाता था. 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर भी कन्नौज की सीट पर जीत हासिल नहीं कर सकी थी. इसके पीछे सबसे बड़े रणनीतिकार शिवपाल सिंह यादव ने बिसात बिछाई थी.
कानपुर: कनौज लोकसभा सीट पिछले तीन दशक से समाजवादी पार्टी का गढ़ रहा है. कन्नौज के किले को 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर भी हिला नहीं सकी थी. पुराने समाजवादी नेता कन्नौज को मिनी सैफई के नाम से भी पुकारते हैं. लेकिन अब कन्नौज के किले पर समाजवादी पार्टी के परिवार की नजर है. समाजवादी से पार्टी से अलग हुए शिवपाल सिंह यादव ने नई पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का गठन किया है. शिवपाल के बेटे आदित्य यादव ने अखिलेश यादव को चैलेन्ज करते हुए कहा कि अगर पार्टी कहेगी कि कन्नौज से चुनाव लड़ना है तो मै लडूंगा और तैयार हूं. जब आदित्य यादव को भी इस बात की जानकारी है कि कन्नौज से अखिलेश यादव पहले ही लोकसभा चुनाव लड़ने का एलान कर चुके हैं.
मंगलवार को जनपद कानपुर देहात में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के जिलाध्यक्ष राजेश कुशवाहा द्वारा शिवपाल सिंह यादव के स्वागत समारोह का कार्यक्रम आयोजित किया गया था. शिवपाल सिंह यादव किन्ही कारणों से नहीं पहुंच सके तो उनके बेटे आदित्य यादव ने कार्यक्रम में शिरकत की थी. समाजवादी कुनबे की स्थिति महाभारत की तरह हो गयी है. सत्ता के लिए कौरव और पांडव का युद्ध हुआ था लेकिन यहां पर यह युद्ध चुनावी मैदान पर होना तय माना जा रहा है.
शिवपाल सिंह यादव के बेटे आदित्य यादव से जब सवाल पुछा गया कि कन्नौज से पार्टी में आप को उम्मीदवार बनाने की चर्चा कर रही है तो उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा कि अगर पार्टी कहेगी तो मैं कन्नौज से चुनाव लडूंगा. उन्होंने कहा कि अभी हम लोग किसी गठबंधन पर विचार नहीं कर रहे हैं बल्कि पार्टी के लोगों को अलग-अलग क्षेत्रों में भेज कर मजबूत करने के प्रयास में जुटे हैं. हम लगातार बैठके कर रहे हैं हमारे नेता शिवपाल सिंह अलग-अलग जिलो में जाकर कार्यक्रम कर रहे हैं. लोगों को जोड़ने का काम कर रहे हैं.
शिवपाल सिंह यादव को समाजवादी पार्टी का सबसे बड़ा रणनीतिकार माना जाता था. 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर भी कन्नौज की सीट पर जीत हासिल नहीं कर सकी थी. इसके पीछे सबसे बड़े रणनीतिकार शिवपाल सिंह यादव ने बिसात बिछाई थी. क्योंकि कन्नौज की सीट समाजवादी पार्टी के लिए सम्मान की बात थी और यहां से अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव चुनाव लड़ रही थीं.
उस वक्त समाजवादी पार्टी की बागडोर मुलायम सिंह के हाथ में थी और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे. मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल सिंह को कन्नौज की रणनीति बनाने के लिए भेजा था. यह भी कहा था कि किसी भी कीमत में कन्नौज की सीट पर जीत हासिल होनी चाहिए. शिवपाल सिंह ने दिनरात मेहनत कर बूथ स्तर पर अपनी टीम को तैनात किया और जीत का परचम लहराया था. कानपुर बुंदेलखंड की 10 लोकसभ सीट है जिसमें से बीजेपी ने 09 सीटों पर भगवा फहराया था लेकिन कन्नौज में समाजवादी पार्टी की जीत हुई थी.
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 2017 में एलान किया था कि डिम्पल यादव अब चुनाव नहीं लड़ेंगी. वर्तमान में डिम्पल यादव कन्नौज से सांसद हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव कन्नौज से लोकसभ चुनाव लड़ने का एलान कर चुके हैं.
अपनी नई पार्टी बना चुके शिवपाल सिंह यादव सभी 80 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर चुके हैं. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के मुखिया की नजर कन्नौज लोकसभा सीट पर भी है. शिवपाल को इस बात की जानकारी बखूबी है कि कन्नौज की सीट किस तरह से जीतना है और कन्नौज में उनके बहुत से पुराने साथी उनके साथ हैं.