भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दो दिन के दिल्ली दौरे के बाद अब खाली हाथ भोपाल वापस आ गए हैं. दिल्ली में आलाकमान से मेल मुलाक़ात के बाद भी मंत्रियों के विभागों की गुत्थी नहीं सुलझी है.


मुख्यमंत्री ने मीडिया से कहा है कि एक दो दिन और इस विषय पर काम करने के बाद विभाग घोषित किए जाएंगे. इस बयान से साफ़ है कि विभागों के बंटवारे को लेकर शिवराज पर सिंधिया का भारी दबाव काम कर रहा है. वरना ऐसा नहीं होता कि पांच दिन बाद भी मंत्रियों के विभागों को लेकर इतना इंतज़ार करना पड़ता.


भाजपा सूत्रों की मानें तो ज्योतिरादित्य सिंधिया सारे महत्वपूर्ण विभाग अपने समर्थकों के लिए चाहते हैं. वे राजस्व,नगरीय प्रशासन, जीएडी, जनसंपर्क, आबकारी, परिवहन, पीडब्ल्यूडी, कृषि और स्वास्थ्य, सहकारिता जैसे महकमे चाहते हैं. साथ ही अपने सभी समर्थक राज्यमंत्रियों के लिए स्वतंत्र प्रभार चाहते हैं.


उधर बीजेपी पहले से ही अपने वरिष्ठ विधायकों की नाराजगी का दंश झेल रही है. सिंधिया समर्थकों के बड़ी संख्या में मंत्री बनने से जहां स्थानीय बड़े बीजेपी नेताओं के चेहरे पहले से ही उतरे हुए थे, लेकिन अब सीएम और प्रदेश बीजेपी के नेता भी परेशान हैं.


शिवराज सिंह कल भोपाल से दिल्ली गए. सभी बड़े नेताओं से मिले और अपना दर्द बताया. शाम तक लगा बात बन सकती है. उन्होंने मंगलवार को विभाग बांटने की घोषणा भी कर दी. उनका भोपाल लौटने का कार्यक्रम भी तीन बार बदला और फाइनली रद्द हो गया. उन्होंने मंगलवार को सुबह गृहमंत्री अमित शाह से मिलने का समय मांगा. रात को उन्होंने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर से लंबी बातचीत की. आज सुबह अमित शाह के यहां मिलने का समय नहीं मिला तो निराश मुख्यमंत्री भोपाल लौट आए. उन्होंने कहा कि विभागों के वितरण में अभी कुछ दिन और लगेगा.


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