लखनऊ: यूपी के सरकारी अस्पतालों में इस समय 7348 डॉक्टरों की कमी है. यह जानकारी खुद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने दी है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इन खाली पदों को भरने की दिशा में कार्यवाही की जा रही है.


उत्तर प्रदेश में डॉक्टरों के 18 हजार 382 पद


यूपी के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने आज विधान परिषद में समाजवादी पार्टी के सदस्य शशांक यादव के सवाल के जवाब में बताया कि उत्तर प्रदेश में डॉक्टरों के 18 हजार 382 पद खाली हैं, जबकि केवल 11 हजार 34 पद ही भरे हैं. इस प्रकार कुल 7348 डॉक्टरों की कमी है.


उन्होंने बताया कि इस समय लोकसेवा आयोग के माध्यम से सरकारी डॉक्टरों की नियुक्ति की जाती है. इतनी बड़ी संख्या में चिकित्सकों की कमी होने के मद्देनजर अब यह देखने वाली बात है कि जब लोकसेवा आयोग अपेक्षित संख्या में भर्तियों की प्रक्रिया नहीं कर पा रहा था तो सम्बन्धित नीति में बदलाव क्यों नहीं किया गया.


अखिलेश यादव सरकार ने इस दिशा में किया बहुत काम: अहमद हसन


इस पर नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने आरोप लगाया कि मंत्री ने सदन को ठीक जानकारी दी लेकिन वह कुछ छिपा भी रहे हैं. राज्य की पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार ने चिकित्सकों की कमी से निपटने की दिशा में बहुत काम किया. मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या दोगुनी की और चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 से बढ़ाकर 65 साल की. हालांकि इसके बावजूद समस्या बनी हुई है और इस पर काम करने की जरूरत है.


मंत्री सिंह ने इसके जवाब में कहा कि उनका उद्देश्य किसी पर आरोप लगाने का बिल्कुल नहीं था और वह हसन की बात से सहमत नहीं हैं. उन्होंने कहा कि साल 2011 में राज्य में चिकित्साधिकारियों के 2090 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई थी, जिनके सापेक्ष 1784 अभ्यर्थियों का चयन हुआ था, मगर उनमें से भी केवल 608 ने ही तैनाती ली थी. जिस वक्त यह प्रक्रिया मुकम्मल हुई, उस समय अखिलेश सरकार सत्ता में आ चुकी थी. उन्होंने कहा, ‘‘इतने में तो घंटी बज जानी चाहिये थी. मेरी घंटी तो बज चुकी है, इसलिये मैंने काम शुरू कर दिया है.’’