लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों की भर्ती में पूरे पद नहीं भर पाने पर अफसोस जताते हुए कहा कि योग्य शिक्षक नहीं दे पाना शिक्षा जगत की असफलता है.
मुख्यमंत्री ने ‘शिक्षक दिवस’ पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि हमारे पास शिक्षित बेरोजगारों की लम्बी फौज खड़ी है. सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों के 68500 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी, जिसकी लिये एक लाख पांच हजार आवेदन आये थे. जब शिक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम सामने आये तो उनमें में मात्र 41 हजार 556 अभ्यर्थी ही उत्तीर्ण हुए.
उन्होंने कहा ‘‘अगर हम योग्य शिक्षक भी नहीं दे पा रहे हैं तो मैं मानता हूं कि यह कमी सरकार की नहीं है, कहीं ना कहीं शिक्षा जगत की ही होगी, जो उत्कृष्ट शिक्षक देने में कहीं ना कहीं विफल हुआ है. यही वजह है कि हमें एक ही बार में 68500 शिक्षक नहीं मिल पाये.’’
योगी ने कहा कि आज प्रदेश में 97 हजार प्राथमिक शिक्षकों की कमी है लेकिन हमारी प्राथमिकता यही है कि उनकी भर्ती योग्यता के आधार पर ही हो.
उन्होंने शिक्षक दिवस पर मानदेय बहाल करने की मांग को लेकर लखनऊ में सिर मुंडवाकर प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों की तरफ इशारा करते कहा ‘‘मैं देख रहा हूं कि आज कुछ लोग अपना सिर मुंडवा रहे हैं, इस बात को लेकर कि बिना किसी प्रतिस्पद्र्धा का सामना किये, उन्हें वहां भर दिया जाए और फिर सरकार उन्हें शिक्षक के रूप में सम्मानित करे. आखिर हम आने वाली पीढ़ी के सामने कौन सा आदर्श रखना चाहते हैं. वे चाहते हैं कि उनके सारे काम नियम-कानून की धज्जियां उड़ाते हुए हों और बाद में जब वे स्वयं कठघरे में खड़े होते हैं तब हम इधर-उधर ताकझांक का प्रयास करते हैं. एक अनुशासनहीन समाज कभी अपने उज्ज्वल भविष्य का निर्माण नहीं कर सकता.’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने पिछले 15-16 महीनों में शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान केन्द्रित किया है. उसके परिणाम भी धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं. आज जब हम सब यहां शिक्षक दिवस के अवसर पर देश के पूर्व राष्टपति सर्वपल्ली डाक्टर राधाकृष्णन को याद कर रहे हैं. हमारे सामने चिंतन का अवसर है कि क्या हमने खुद को उनके अनुरूप ढालने का प्रयास किया है. जब भी हम उनकी अच्छाई को आत्मसात करने का प्रयास करेंगे तो हम समाज के लिये आदरणीय बन पाएंगे, लेकिन जब हम सीमित हो जाएंगे तो आने वाली पीढ़ी हम लोगों को भुला देगी.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को अगर देश का नेतृत्वकर्ता बनना है तो उसका आधार शिक्षा व्यवस्था ही हो सकती है. उत्तर प्रदेश में ऐसी क्षमता है. इसे ध्यान में रखते हुए हम सभी को प्रयास करने की जरूरत है. हमारी प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा अच्छी क्यों नहीं हो सकती. बस, शिक्षक संकल्प ले लें तो यह अच्छी हो जाएगी.
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर शिक्षा जगत में उत्कृष्ट योगदान करने वाले शिक्षकों को सम्मानित भी किया.