श्रावस्ती: उत्तर प्रदेश का शिक्षा विभाग आज कल चर्चा का विषय बना हुआ है. कभी फर्जी अभिलेखों को लेकर, तो कभी अनामिका शुक्ला जैसी फर्जी अध्यापिकाओं को लेकर. अब शिक्षा विभाग से जुड़ा ताजा मामला यूपी के श्रावस्ती जिले से सामने आए हैं. कोरोना काल में जहां देश-प्रदेश के सभी शैक्षणिक संस्थानों को अग्रिम आदेशों तक बंद किया गया है, वहां जनपद में बिना किसी आदेश के सरकारी स्कूलों को खोल दिया गया है. कोरोना संकट काल में ये सीधे तौर पर बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ जैसा है.
बिना आदेश जनपद में खुले सरकारी स्कूल
मामला श्रावस्ती जनपद के प्राथमिक विद्यालय इमलिया नासिरगंज का है. जहां गुरुवार सुबह सरकारी स्कूल खुले मिले. स्कूली यूनिफॉर्म में दर्जनों बच्चे बिना मास्क के सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते दिखाई दिए. जब की आप को बताते चले कि इस दौरान ज्यादातर स्कूलों को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है.
प्रधान अध्यापिका सवाल से बचती दिखीं
जब स्कूल खुलने के बारे में वहां की प्रधान अध्यापिका से पूछा गया, तो वो इस सवाल से बौखला गई और मीडिया के कैमरे को बंद करने की कोशिश करने लगीं.
BSA ओमकार राणा का बयान
वहीं, BSA ओमकार राणा ने मामले के संज्ञान में ना होने की बात करते हुए कहा कि अभी स्कूल खोलने का कोई आदेश नहीं दिया गया है. ऐसा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
यह भी पढ़ें:
यूपी में 24 घंटे के भीतर कोरोना से 20 की मौत, संक्रमितों का आंकड़ा 11 हजार के पार