श्रावस्ती: कई बार जिंदगी में अजब संयोग सामने आते हैं और इन दिनों देश में कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान घरों को वापस लौट रहे मजदूरों के साथ भी ऐसा ही कुछ हो रहा है. लॉकडाउन शुरू होते ही प्रवासी मजदूरों का गैर प्रदेशों से पलायन का सिलसिला शुरू हो गया है. कोई पैदल अपने घर को निकला तो कोई किराए के वाहन से सरकार ने मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए रोडवेज बसों का इंतजाम किया.


वहीं पंजाब के लुधियाना से यूपी के प्रवासी मजदूरों को श्रावस्ती लेकर पहुंची रोडबेज बस में एक मजदूर की अचानक तबियत खराब होने से मौत हो गई. बताया जा रहा कि प्रवासी मजदूर की मौत इलाज के अभाव में हुई. इससे पहले भी एक मजदूर की मौत क्वॉरंटीन सेंटर में हो चुकी है.


क्या है पूरा मामला?
9 अप्रैल को प्रवासी मजदूरों को लेकर रवाना हुई रोडबेज बस 10 अप्रैल को श्रावस्ती के जिला मुख्यालय भिनगा स्थित स्टेडियम के पास पहुंची. जहां श्रावस्ती के मजदूरों को उतार दिया. इसमें एक 17 साल के मजदूर मुकेश यादव की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई.


बस में कुल 36 लोग सवार थे जिसमें बलरामपुर निवासी 9 लोग रास्ते उतर गए थे और श्रावस्ती के 27 लोगों श्रावस्ती पहुचें. 17 साल के युवक की अचानक तबियत खराब होने से पहले रास्ते में गिलौला स्वास्थ्य केंद्र पर गाड़ी रोककर दिखाया गया. यहां डॉक्टरों ने देखने की बजाए जिला अस्पताल में दिखाने की बात कही. लेकिन जिला अस्पताल पहुंचते ही उसकी मौत हो गई.


कोरोना टेस्ट के बाद होगा पोस्टमार्टम
युवक के शव को कोविड 19 प्रोटोकॉल के तहत अभी जांच के लिए रखा गया है. इसके बाद पोस्मार्टम के लिए भेजा जाएगा. वहीं बाकी 26 लोगों को आश्रम पद्दति विद्यालय भयापुरवा में रखा गया है. इस मामले में कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है.


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