मेरठ: आईएमए के ब्लडबैंक के उद्घाटन के मौके पर मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह बतौर मुख्य अतिथि मेरठ आये थे. सिद्धार्थनाथ सिंह मेरठ जिले के प्रभारी मंत्री भी है. ब्लडबैंक के उद्घाटन के बाद सिद्धार्थनाथ सिंह ने आईएमए के डाक्टरों को संबोधित करते हुए कहा कि सूबे में ब्लड के काले धंधे की जड़ें बहुत गहरी हैं.


उन्होंने कहा कि केवल निजी अस्पताल ही नहीं, कुछ सरकारी अस्पताल भी इसमें लिप्त हैं. महज कुछेक सौ रूपयों के लिए रिक्शेवाले और मजदूरों का खून लिया जाता है और उसमें पानी मिलाकर उसकी सप्लाई अस्पतालों के ब्लड बैंकों में की जाती है.


सिद्धार्थनाथ सिंह ने बेबाकी से कहा कि हमारे सरकारी अस्पतालों के बाबू और फार्मासिस्ट भी इस धंधे में शामिल हैं. बाबुओं के नेक्सस की ताकत को स्वीकारते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 15-15, 20-20 सालों से अस्पतालों में मठाधीशों की तरह जमे हुए बाबू और फार्मासिस्टों को हटाना बेहद मुश्किल है.


उन्होंने लखीमपुर खीरी के एक वाकये का जिक्र करते हुए कहा कि- “मैंने 3 बाबुओं को लखीमपुर खीरी में हटाया. फिर क्या था, मेरे पास फोन आने लगे. मेरे अपने लोगों के फोन आने लगे कि मैंने गलत कर दिया है. जिन बाबुओं को हटाया गया है वे कर्तव्यनिष्ठ और ईमानदार हैं. ऐसे हालात हैं सरकारी अस्पतालों के जिन्हें सुधारने में काफी वक्त लग रहा है.”


सिद्धार्थनाथ सिंह ने इन हालातों ने निपटने के लिए आईएमए का समर्थन मांगा. उन्होंने डाक्टरों से कहा कि जो लोग जनसेवा और सरकार की मदद करने के जज्बा रखते हैं, उनके लिए हमारे अस्पतालों के दरवाजे खुले हैं.