नई दिल्ली: बीजेपी ने मांग की कि खनन घोटाले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की कथित संलप्तिता को लेकर सीबीआई उनकी जांच करे. उसने दावा किया कि उनकी सरकार की इस मामले के आरोपियों के साथ मिलीभगत थी. उत्तर प्रदेश के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने इस आरोप का खंडन किया कि इस कथित घोटाले के सिलसिले में रविवार को सीबीआई की तलाशी राजनीति से प्रेरित है क्योंकि समाजवादी पार्टी (एसपी) और बहुजन पार्टी (बीएसपी) के बीच गठबंधन की बातचीत चल रही है.


सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि बीजेपी को उनसे कोई खतरा नहीं है. उन्होंने कहा कि ये दोनों ही राजनीतिक दल अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि छापे के समय पर सवाल खड़ा करने के बजाय यादव को इसका जवाब देना चाहिए कि उनकी सरकार में इतनी अधिक लूट क्यों हुई.


उन्होंने कहा, "यदि आप सरकारी पैसा लूटेंगे तो कानून अपना काम करेगा ही." उन्होंने कहा कि सीबीआई इलाहाबाद उच्च न्यायालय को रिपोर्ट कर रही है जिसने 2016 में जांच का आदेश दिया था.


यादव ने इस खबर के बीच कि सीबीआई उनसे पूछताछ कर सकती है, कहा था कि वह जांच एजेंसी का सामने करने के लिए तैयार है. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था कि बीजेपी ऐसी संस्कृति छोड़ रही है जो भविष्य में उसके विरुद्ध इस्तेमाल की जा सकती है.


उन्होंने लखनऊ में कहा था, "समाजवादी पार्टी अधिकतम लोकसभा सीटें जीतने का प्रयास कर रही है. जो हमें रोकना चाहते हैं, उनके पास सीबीआई है. कभी कांग्रेस ने सीबीआई जांच की और मुझसे पूछताछ की गयी. यदि बीजेपी भी यह सभी कर रही है तो सीबीआई मुझसे पूछताछ करेगी. मैं (उसे) जवाब दूंगा. लेकिन लोग बीजेपी को जवाब देने के लिए तैयार हैं."


सीबीआई ने 2012-16 के दौरान हमीरपुर में दुर्लभ खनिजों के कथित अवैध खनन की जांच के सिलसिले में आईएएस अधिकारी बी चंद्रकला, एसपी विधानपरिषद सदस्य रमेश कुमार मिश्रा और संजय दीक्षित समेत 11 लोगों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के संबंध में शनिवार को 14 जगहों पर तलाशी ली थी.