मुजफ्फरनगर: दंगा संबंधी मामलों की जांच कर रहे स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) ने एक सोशल मीडिया वेबसाइट पर अपलोड किये गए फर्जी लेकिन भड़काऊ वीडियो के मामले के सिलसिले में बीजेपी विधायक संगीत सोम को क्लीन चिट दे दी है.


आरोपी के खिलाफ कोई सबूत नहीं


मामले के जांच अधिकारी, निरीक्षक धर्मपाल त्यागी ने अदालत में अंतिम रिपोर्ट दायर करते हुए कहा कि आरोपी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला. जांच के दौरान एसआईटी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के जरिये सोशल मीडिया साइट, फेसबुक के अमेरिका स्थित मुख्यालय से उक्त वीडियो अपलोड करने के संबंध में जानकारी मांगी थी जिससे साम्प्रदायिक भावनाएं भड़की.


एक साल का ही रिकॉर्ड रखता है फेसबुक


एसआईटी ने अदालत में दाखिल अपनी रिपोर्ट में कहा कि हालांकि फेसबुक मुख्यालय उन लोगों के नामों के बारे में जानकारी मुहैया कराने में असफल रहा जिन्होंने वीडियो अपलोड किया था या वीडियो को ‘लाइक’ किया था. मुख्यालय ने कहा कि वह एक साल का ही रिकॉर्ड रखता है.


पुलिस ने सरधना से बीजेपी विधायक संगीत सोम और दो सौ से अधिक लोगों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था जिन्होंने वीडियो को ‘लाइक’ किया था. पुलिस ने यहां दो सितम्बर 2013 को इन लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और सूचना प्रौद्योगिकी कानून की धारा 66 के तहत मामला दर्ज किया था.


भड़काऊ वीडियो फेसबुक पर फैलाने का आरोप


आरोपी व्यक्तियों पर एक भड़काऊ वीडियो फेसबुक पर फैलाने का आरोप लगाया गया था जिसमें दो युवाओं की हत्या करते हुए दिखाया गया था. इससे जिले में साम्प्रदायिक तनाव उत्पन्न हो गया जहां दंगे हुए थे.


वीडियो करीब दो साल पुराना पाया गया और उसे अफगानिस्तान या पाकिस्तान में बनाया गया था. साल 2013 में मुजफ्फरनगर और आसपास के क्षेत्रों में हुए दंगे में 60 से अधिक व्यक्ति मारे गए थे और 40000 से अधिक विस्थापित हो गए थे.