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SIT ने आजम खान के खिलाफ दर्ज की FIR, जल निगम में भर्ती को लेकर है भ्रष्टाचार का आरोप
समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान के खिलाफ जल निगम भर्ती भ्रष्टाचार मामले में एफआईआर दर्ज किया गया है. एसआईटी ने जालसाजी, धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है.
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान के खिलाफ जल निगम भर्ती भ्रष्टाचार मामले में एफआईआर दर्ज किया गया है. एसआईटी ने आजम खान के अलावा पूर्व नगर विकास सचिव एसपी सिंह समेत पांच लोगों के खिलाफ इस मामले में केस दर्ज किया है. इसमें जल निगम के पूर्व एमडी पीके आसुदानी और जल निगम के तत्कालीन मुख्य अभियंता अनिल खरे को भी नामजद करते हुए परीक्षा कराने वाली संस्था ‘एपटेक’ के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है. एसआईटी ने जालसाजी, धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है.
बता दें कि 2016 में जल निगम में इंजीनियर से लेकर क्लर्क तक के 1300 पदों पर भर्ती हुई थी. आज़म खान उस समय निगम के अध्यक्ष थे. भर्ती में गड़बड़ी को लेकर आजम खान पर भष्टाचार के आरोप हैं. योगी सरकार ने एसआईटी से जांच कराने के आदेश दिए थे. एसआईटी ने घोटाले की जांच के बाद योगी सरकार से खान के खिलाफ केस दर्ज करने की इजाज़त मांगी थी. सरकार से हरी झंडी मिलते ही केस दर्ज किया गया है. एसआइटी ने अपने जांच में पाया है कि जल निगम में भर्ती प्रक्रिया के दौरान नियमों की अनदेखी की गई थी.
डीआईजी(कानून-व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने बताया कि एसआईटी ने आईपीसी की धारा 201, 409 और 420 के अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13ए के तहत मुकदमा दर्ज किया है. इससे पहले एसआईटी ने इस मामले में प्रारंभिक जांच की थी. शासन की अनुमति के बाद मुकदमा दर्ज किया गया है.
कुल 1300 पदों पर हुई भर्ती
जल निगम में 1300 पदों पर हुई भर्तियों में धांधली और भ्रष्टाचार की जांच कर रही यूपी पुलिस के विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) ने 22 जनवरी 2018 को पूर्व मंत्री एवं जल निगम के तत्कालीन अध्यक्ष मो. आजम खां का बयान दर्ज किया था. तब आजम खान ने एसआईटी से कहा था कि यदि भर्तियों में कोई अनिमियतता हुई तो है उससे उनका कोई लेना-देना नहीं है. एसआईटी के एसपी नागेश्वर सिंह, एएसपी अमृता मिश्रा और इंस्पेक्टर अटल बिहारी ने पूर्व मंत्री का बयान दर्ज किया था.
इसके लिए खान लगभग दो घंटे तक गोमती नगर में विभूति खंड स्थित एसआईटी के कार्यालय में मौजूद थे. उनके साथ तत्कालीन नगर विकास सचिव और रिटायर्ड आईएएस एसपी सिंह भी रहे. एसआईटी ने एसपी सिंह का बयान पहले ही दर्ज कर लिया था. एसआईटी ने 22 सितंबर 2017 को जल निगम मुख्यालय पहुंचकर भर्ती से जुड़े दस्तावेजों की भी जांच की थी.
जांच के लिए एसआईटी को मिले शिकायती पत्रों में यह आरोप लगाया गया है कि उनके हस्तक्षेप और दबाव से भर्तियों में अनियमितता हुई. इसी आधार पर एसआईटी ने परीक्षा कराने वाली एजेंसी ‘अपटेक’ का भी बयान दर्ज किया. इसके अलावा जल निगम की ओर से बनाई गई परीक्षा आयोजन समिति के लोगों का भी बयान लिया गया. शासन से अनुमति मिलने के बाद एसआईटी आजम खान समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. आजम खां मौजूदा समय में रामपुर से विधायक हैं।.
बर्खास्त हो चुके हैं 122 सहायक इंजीनियर
जल निगम भर्ती घोटाले में ही 122 सहायक इंजीनियर्स को सेवा से बर्खास्त किया चुका है. इसके अलावा 853 अवर इंजीनियर्स, 225 नैत्यिक लिपिकों और 32 आशुलिपिकों की भी भर्ती हुई थी जो अभी भी सेवारत हैं. हालांकि इन लोगों पर भी बर्खास्तगी की तलवार लटकी हुई है. जांच के सिलसिले में एसआईटी जल निगम के तत्कालीन एमडी पीके आशुदानी और पूर्व मंत्री आजम खान के तत्कालीन ओएसडी आफाक अहमद का भी बयान दर्ज कर चुकी है.
जौहर यूनिवर्सिटी मामले में भी चल रहा है मुकदमा
इससे पहले एक दूसरे मामले में राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश ने मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के लिए चकरोड और ग्राम समाज की जमीन लेने के मामले में आजम खान के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है.
इलाहाबाद के राजस्व बोर्ड ने इस मामले में आजम खान की आपत्तियों को खारिज कर दिया. आरोप है कि जब 2007 से 2012 के बीच में आजम खान कैबिनेट मंत्री थे तो उस समय मुरादाबाद के कमिश्नर ने जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन में चकरोड की जमीन शामिल करने की इजाजत दे दी थी.