सीतापुर: यूपी के सीतापुर में बीजेपी विधायक राम कृष्ण और उनके बेटे पर युवक को घर से अगवा कर हत्या कर देने का आरोप लगा है. आरोप बीजेपी के विधायक राम कृष्ण उनके बेटे और 3 गुर्गों पर है. पीड़ित की पत्नी का कहना है कि बीजेपी विधायक राम कृष्ण अपने बेटे और साथियों के साथ घर आये और मेरे पति संतोष को जबरन उठा कर ले गए और उनको बंधक बना लिया. 20 दिन बाद उनकी हत्या कर लाश को घर लाकर फेंक दिया.


मृतक ने मरने से पहले जताई थी हत्या की आशंका


हत्या से पहले संतोष ने खुद इस बात का शपथ पत्र देकर सीतापुर की डीएम और पुलिस अधीक्षक को बताया था की इलाके के विधायक राम कृष्ण और उनके साथी उसकी हत्या कर देंगे. हुआ भी यही. अगर अधिकारियों ने इस ओर ध्यान दिया होता तो संतोष जिंदा होता. कहा जा रहा है कि मामला मछरेहटा ब्लाक में ब्लाक प्रमुख की दावेदारी का था.


पीड़ित की पत्नी ने कहा, शिकायत ना करने के लिए विधायक ने दिया था 5 लाख रुपए का लालच


पीड़ित का आरोप है की अब बीजेपी विधायक शिकायत न करने की शर्त पर 5 लाख रुपए, नौकरी, ज़मीन और बच्चों की पढ़ाई के खर्च का आश्वासन देकर चले गए. पलट कर वापस भी नहीं आए. पुलिस से शिकायत करने के बाद अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई. जिसके बाद इस मामले की शिकायत पीड़ित परिवार ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाती एवं जनजाति आयोग में की. मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग ने सख्त कदम उठाए हैं और सीतापुर एसपी से इस पूरे प्रकरण में अब तक की गई कार्यवाही की रिपोर्ट तलब की है.


चुनाव के दौरान हुआ था बीडीसी संतोष का अपहरण


सीतापुर के ब्लाक मछरेहटा में 3 महीने पहले प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला कर चुनाव कराया गया था. जिसमे अपनी दबंगई के बल पर बीजेपी विधायक राम कृष्ण ने समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री रामपाल राजवंशी की बहू को हटा कर अपने पुत्र विजय भार्गव को प्रमुख बना दिया. चुनाव के जीत हार में बीडीसी के एक-एक वोट की अहम भूमिका होती है. इसी चुनाव में बीडीसी संतोष का भी बीजेपी विधायक राम कृष्ण और उनके साथियों ने जबरन अपरहण कर लिया था. ताकि वो विपक्षी राम पाल राजवंशी की बहू को वोट न दे सके.


शराब में ज़हर दे कर मार डालने का आरोप


मृतक संतोष की पत्नी रामपति का आरोप है की संतोष घर आना चाहते थे लेकिन विधायक के गुर्गे उनको नहीं आने दे रहे थे. आरोप ये भी है की संतोषी को 20 दिनों तक बहुत परेशान किया उनके साथ मारपीट की गई और बाद में उनको शराब में ज़हर दे कर मार डाला गया. इतना ही नहीं लाश को हरदोई से लाकर उनके घर डाल दिया गया.


पीड़ित की पत्नी ने कहा- विधायक खुद लेकर आए थे संतोष का शव 


आरोप है की विधायक खुद संतोष के शव को लेकर आए थे और शिकायत न करने पर 5 लाख रुपए, बड़े बेटे को नौकरी, ज़मीन और बच्चों का खर्च देने की बात का लालच दिया था. लेकिन पलट कर नहीं आए. सत्ता के दबाव में पुलिस ने तो इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की. लेकिन राष्ट्रीय अनुसूचित जाती एवं जनजाति आयोग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 15 दिनों के अन्दर सीतापुर एसपी से इस प्रकरण पर रिपोर्ट मांगी है.


विधायक ने कहा- सीबीआई से करा लें मामले की जांच, मैं निर्दोष हूं


बीजेपी विधायक का कहना है की मामले की जांच सीबीआई से करा ली जाए. मैं निर्दोष हूं. बल्कि संतोष तो मेरे करीबियों में से था. उसकी मौत हरदोई अस्पताल में हुई है. सीतापुर की पुलिस भी इस मामले की जांच कर रही है. जो भी होगा मामला सामने आ जाएगा.