तेजाब कांड: शहाबुद्दीन को सुप्रीम कोर्ट से झटका, उम्रकैद की सजा बरकरार
रंगदारी देने से मना करने पर 2004 में दो भाइयों की एसिड से जला कर हत्या की गई थी. घटना के चश्मदीद तीसरे भाई राजीव को कोर्ट में बयान के लिए जाते वक्त 2014 में गोली मार दी गयी थी. इस मामले में पटना हाई कोर्ट ने मोहम्मद शहाबुद्दीन को दोषी ठहराया था.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. बाहुबली नेता शहाबुद्दीन को गिरीश-सतीश हत्या मामले में मिली उम्र कैद की सजा सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखी है. पटना हाई कोर्ट ने पिछले साल 30 अगस्त को शहाबुद्दीन को इस मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई थी. जिसे आरजेडी नेता ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
सुनवाई शुरू होते ही चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने शहाबुद्दीन के वकील से पूछा कि तीसरे भाई की हत्या किसके कहने पर हुई? वकील के जवाब देने से पहले कोर्ट ने कहा कि हम हाई कोर्ट के आदेश में दखल देने की कोई ज़रूरत नहीं समझते हैं. अपील खारिज की जाती है.
रंगदारी देने से मना करने पर 2004 में सीवान में चंदा बाबू के दो बेटों की एसिड से जला कर हत्या की गई थी. घटना के चश्मदीद तीसरे भाई राजीव को कोर्ट में बयान के लिए जाते वक्त 2014 में गोली मार दी गयी थी.