लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में हुई कैबिनेट की बैठक में कुल छह प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. प्रदेश सरकार के मंत्री व सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे के लिए 12,000 करोड़ रुपये की जरूरत है. इसके लिए बैंकों के माध्यम से वित्तपोषण का प्रस्ताव पारित हुआ. इससे संबंधित दस्तावेज को कैबिनेट की मंजूरी प्रदान की गई है.

इसके अलावा उन्होंने बताया कि सिविल प्रक्रिया अधिनियम-1908 के तहत धारा-102 और धारा-115 के आपसी सुलह और मध्यस्थता से निपटाए जाने वाले विवाद अब उच्च न्यायालय की जगह जनपद अदालतों में सुने जा सकेंगे. इनकी जमानत राशि भी क्रमश: 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपये और पांच लाख से बढ़ा कर 25 लाख रुपये कर दी गई है. इससे विवादों का जल्द निपटारा होगा. जिला जज के अलावा एडीजे भी मामले सुन सकेंगे.

शर्मा ने बताया कि सरकारी प्रिंटिंग का काम पहले बाहरी एजेंसी को दिया जाता था. 2002 में इसे बंद कर दिया गया था. अब फिर से ई-टेंडर के जरिए निजी क्षेत्र को भी प्रिंटिंग का काम दिया जा सकेगा. इस काम में हालांकि सरकारी प्रेस को वरीयता दी जाएगी.

इसके लिए 50 लाख, 1 करोड़ और 2 करोड़ की तीन श्रेणी फर्म की होगी. ईएसआई, जीएसटी और ईपीएफ रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा. मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत लाभार्थियों के सीधे खाते में पैसा पहुंचेगा.

प्रयागराज के उच्च न्यायालय परिसर में रोड, कांफ्रेंस हाल, वीआइपी सूइट 4399 लाख रुपये से बनेगा. साथ ही उच्च न्यायालय परिसर में वकील के चेम्बर और मल्टीलेवल पार्किंग का भी अनुमोदन किया गया है, जिस पर 530 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं.