मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में छह किन्नर कैंडिडेट चुनावी मैदान में
एमपी विधानसभा चुनाव में इस बार छह किन्नर कैंडिडेट चुनाव मैदान में हैं. इसमें रोचक ये है कि मध्यप्रदेश ही देश का पहला राज्य है जहां से पहली बार एक किन्नर शबनम मौसी विधानसभा पहुंची थीं. इस बार प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पर कुल 2907 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं.
भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार छह सीटों पर किन्नर उम्मीदवार चुनावी अखाड़े में हैं. दिलचस्प यह है कि मध्यप्रदेश ही देश का पहला राज्य है जहां से पहली बार एक किन्नर विधानसभा पहुंची थीं. साल 2000 के विधानसभा उप चुनाव में एमपी से शबनम मौसी देश की पहली किन्नर विधायक बनी थीं. मध्यप्रदेश चुनाव कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, इस बार प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों पर कुल 2907 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं.
इन प्रत्याशियों में से छह किन्नर हैं. इनमें अनूपपुर जिले की कोतमा सीट से पूर्व विधायक शबनम मौसी उर्फ शबनम कोल (61), मुरैना जिले की अंबाह सीट से नेहा किन्नर (28), दमोह जिले की दमोह सीट से रिहाना सब्बो बुआ (56), शहडोल जिले की जयसिंह नगर सीट से सुन्दर सिंह ऊर्फ सल्लू मौसी (30), होशंगाबाद जिले की होशंगाबाद सीट से पांची देशमुख (44) और इन्दौर जिले की इन्दौर-2 सीट से बाला वैश्वरा (28) अपनी किस्मत आजमा रही हैं.
इन कैंडिडेट में से एक पांची देशमुख अखिल भारत हिन्दू महासभा की टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं, जबकि बाकी बचे पांचों किन्नर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में हैं. देश की पहली किन्नर विधायक शबनम मौसी मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले के सोहागपुर निर्वाचन क्षेत्र से साल 2000 के उपचुनाव में निर्दलीय चुनी गई थीं. 14 से अधिक भारतीय भाषाओं की जानकार शबनम मौसी ने तब 44.08 प्रतिशत मत पाकर बीजेपी के उम्मीदवार को 17,863 मतों से हराया था.
इस बार शबनम का मुकाबला बीजेपी के पूर्व विधायक रह चुके दिलीप कुमार जायसवाल और कांग्रेस के सुनील कुमार से है. पांची देशमुख भी चुनावी राजनीति में पुराना नाम है. उन्होंने 2003 में होशंगाबाद सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था और निर्दलीय उम्मीदवार होने के वाबजूद अपनी जमानत बचाने में कामयाब रही थीं. दिलचस्प यह भी है कि पांची देशमुख के खिलाफ होशंगाबाद सीट से मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा चुनाव मैदान में हैं.
अम्बाह विधानसभा सीट से किन्नर नेहा के चुनाव मैदान में आने से मुकाबला रोचक हो गया है. नेहा की जनसभाओं में उमड़ती भीड़ ने अन्य दलों के उम्मीदवारों पसीने छुड़ा दिए हैं. किन्नर प्रत्याशियों में शबनम मौसी और पांची देशमुख के अलावा बाकी चारों प्रत्याशी पहली बार चुनाव मैदान में हैं. यह सभी समाज को खुद से जोड़ने की कोशिश में लगे हैं.
चुनाव में इनकी जीत इन्हें एक सम्मानित मुकाम दिलाएगी, जो इनके अस्तित्व की सबसे बड़ी जरूरत है. मध्यप्रदेश में 28 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में 230 सीटों पर कुल 2907 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें से 1102 निर्दलीय उम्मीदवार हैं. यहां के चुनाव परिणाम 11 दिसबंर को आएंगे.
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