बांदा: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आठ बार के मंत्रिमंडल विस्तार में भले ही बुंदेलखंड के अपने किसी विधायक पर भरोसा न जताया हो, पर उनके एक विधायक ने अपनी बबेरू सीट से उन्हें चुनाव लड़ने का न्योता दिया है.


बुंदेलखंड के बांदा जिले की बबेरू विधानसभा सीट दलित और यादव बहुल सीट मानी जाती है. वामपंथी आंदोलन के दौरान पहले यहां से कामरेड दुर्जन भाई (दलित) दो बार विधायक हुए, इसके बाद कामरेड देव कुमार यादव तीन बार विधायक चुने गए. इस सीट में दलित और यादव गठजोड़ की बदौलत पतवन गांव के किसान जागेश्वर यादव भाकपा से सांसद भी निर्वाचित हुए थे.



2007 से अब तक एसपी के विश्वंभर सिंह यादव ही विधायक


बीएसपी के उदय के बाद दलित-यादव गठजोड़ छिन्न-भिन्न हुआ और बीएसपी के गयाचरण दिनकर (अब नरैनी विधायक और यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष) तीन बार विधायक निर्वाचित हुए, यह दिनकर का गृह क्षेत्र है. हालांकि मायावती सरकार में मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा और एसपी के अंदरूनी गठजोड़ के चलते लगातार 2007 से अब तक एसपी के विश्वंभर सिंह यादव ही विधायक हैं.


15 दिसंबर को प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के हमीरपुर दौरे के दौरान उन्हें एसपी नेताओं ने बुंदेलखंड से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया था. लखनऊ पहुंच कर खुद मुख्यमंत्री ने भी यहां से चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर की थी.


विशंभर सिंह यादव ने मारा 'नहले पर दहला'


एसपी से बबेरू विधायक विशंभर सिंह यादव ने 'नहले पर दहला' मारते हुए शनिवार को मीडिया से बातचीत में करते हुए कहा कि वह अखिलेश के लिए अपनी सीट स्वेच्छा से छोड़ देंगे और पूरी ताकत लगाकर उन्हें उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक मतों से जिताएंगे.


विधायक ने अपने कार्यकाल में हुए विकास को भी मुख्यमंत्री की मेहरबानी बताया था. बबेरू विधायक विश्वंभर यादव ने अपनी बात दोहराते हुए रविवार को फिर कहा कि वह अपनी सीट अखिलेश के लिए स्वेच्छा से छोड़ देंगे और जिताएंगे भी.


आपको बता दें कि बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने पहले ही पूर्व विधायक दिवंगत देवकुमार यादव की बहू किरण यादव को अपना उम्मीदवार घोषित कर रखा है और एसपी से दूसरी बार नगर पंचायत बबेरू के अध्यक्ष निर्वाचित सूर्यपाल सिंह यादव से विधायक विश्वंभर सिंह यादव के छत्तीस के रिश्ते बन चुके हैं.



सूर्यपाल करेंगे बीएसपी की किरण यादव की मदद


दोनों के वर्चस्व की जंग में एसपी ने विधायक का साथ दिया था और दिनकर सूर्यपाल के बचाव में उतरे थे. माना जा रहा है कि यादव बिरादरी में सूर्यपाल की ज्यादा मजबूत पकड़ है और वह एसपी को हराने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. ऐसी स्थिति में जाहिर है कि सूर्यपाल बीएसपी की किरण यादव की मदद करेंगे.


यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गयाचरण दिनकर ने फोन पर रविवार को कहा कि अखिलेश यादव की अगुआई वाली एसपी सरकार ने समूचे बुंदेलखंड की उपेक्षा की है. अखिलेश ही नहीं एसपी मुखिया (मुलायम) भी चुनाव लड़े तो हार ही नसीब होगी.


बुंदेलखंड का आम मतदाता अखिलेश और एसपी से बेहद खिन्न


वामपंथी विचारधारा के बुजुर्ग राजनीतिक विश्लेषक रणवीर सिंह चौहान एड़ ने कहा कि एसपी के नेता और कार्यकर्ता भले ही सरकार की खूबी गा रहे हों, पर बुंदेलखंड का आम मतदाता अखिलेश और एसपी से बेहद खिन्न है.


उन्होंने कहा, "बुंदेलखंड के लिए तो एसपी से अच्छी बीएसपी सरकार थी, जो आधा दर्जन मंत्री, एक दर्जन दर्जा प्राप्त मंत्री के अलावा विकास के नाम पर मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग, आईटीआई कॉलेज दिए थे."


अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री बुंदेलखंड से चुनाव लड़ते हैं या नहीं.