सोनभद्र हत्याकांड: मृतकों के परिवार को 50 लाख रुपये और 10 बीघा जमीन देगी बीएसपी
जिस ज़मीन को लेकर दस लोगों की जान चली गई. वो कुछ पहले तक एक सोसाइटी की थी. जिसका नाम आदर्श सोसाइटी था. इसी सोसाइटी से आरोपी ग्राम प्रधान यज्ञदत्त ने कुछ ज़मीन ख़रीदी थी. जिस पर क़ब्ज़े के लिए उसके तीन सौ समर्थक हथियार लेकर 17 जुलाई को उम्भा गांव पहुंचे थे.
सोनभद्र: सोनभद्र के उम्भा गांव में 17 जुलाई को जमीन विवाद को लेकर नरसंहार के बाद जो देश की गरमाई सियासत मुख्यमंत्री के दौरे के बाद भी थमने का नाम नहीं ले रही है. घटना के बाद से लगातार वहां पार्टी नेताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में बहुजन समाज पार्टी का डेलीगेट उम्भा गांव का दौरा करके मृतकों के परिवारजनों के साथ उनका दुःख साझा किया.
बसपा सुप्रीमो पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के निर्देश पर विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा व प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा के नेतृत्व में यहां पहुंचे. पीड़ितों से मिलने के बाद लाल जी वर्मा ने कहा कि मृतक परिवार को 50 लाख रुपये और 10 बीघा जमीन और घायलों को 5 बीघा जमीन की सहायता दी जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने उम्भा गांव में एक इंटर कालेज और एक पुलिस चौकी खोलने की मांग भी की. वहीं प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर उम्भा गांव का दौरा किया गया है जिसकी रिपोर्ट उन्हें सौपी जाएगी इसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने मायावती के उम्भा गांव आने के सवाल पर कुछ भी बोलने से माना कर दिया.
सोनभद्र में घोरावल थाना इलाके के उम्भा गांव में 17 जुलाई को जमीन कब्जा करने को लेकर ग्राम प्रधान और उसके समर्थकों द्वारा चलाई गई गोली से कुल 10 आदिवासियों की मौत और 28 लोग घायल हुए थे. इसके बाद देश की सियासत में जो भूचाल आया कि लोकसभा और विधानसभा में विपक्षियों ने केंद्र व प्रदेश सरकार को दलित विरोधी होने पर घेरा. इस घटना में पुलिस ने 28 नामजद और 50 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. इस मामले में अबतक आरोपी ग्राम प्रधान सहित 29 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. घटना में इस्तेमाल पांच असलहा भी बरामद किया गया है.
बहुजन समाज पार्टी के प्रतिनिधि मण्डल के विधान मंडल दल के नेता लालजी वर्मा, प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा, राष्ट्रीय महासचिव मुनकाद अली, पूर्व सांसद नरेंद्र कुशवाहा, पूर्व विधायक सत्य नारायण जैसल, जिलाध्यक्ष बी सागर समेत अन्य लोगों को पुलिस ने कन्हारी गांव के पास रोक दिया. जिससे नोकझोक की स्थिति पैदा हो गयी लेकिन थोड़ी देर बाद पुलिस प्रशासन ने 20 लोगो को गांव में जाने की अनुमति दे दी.
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