उम्भा कांड की जांच करने आज सोनभद्र पहुंचेगी एसआईटी टीम, 10 लोगों की हुई थी हत्या
आज से एसआईटी सोनभद्र के उम्भा कांड की जांच शुरु करेगी. पांच लोगों वाली ये टीम मौके पर जाएगी और तथ्यों के बारे में पता करेगी. यहां 10 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी.
सोनभद्र: आज एसआईटी सोनभद्र के उम्भा गांव पहुंचेगी और इस दिल दहला देने वाले कांड की जांच शुरु करेगी. 17 जुलाई को यहां जमीन के एक पुराने विवाद में 10 लोगों की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. डीआईजी जे. रविन्दर गौड की अध्यक्षता में एसआईटी की पांच सदस्यों वाली टीम बनाई गई है. इस टीम में डीआईजी के अलावा एएसपी, एक इंस्पेक्टर और दो सहायक विवेचक हैं.
सौ बीघा विवादित जमीन को लेकर दे पक्षों के बीच खूनी संघर्ष हो गया था. इस दौरान फायरिंग के साथ जमकर लाठी-डंडे और फावड़े भी चले. इसमें 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 28 लोग घायल हो गए थे. इस मामले में अब तक 38 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. वहीं 61 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है.
जिस ज़मीन को लेकर दस लोगों की जान चली गई. वो कुछ पहले तक एक सोसाइटी की थी जिसका नाम आदर्श सोसाइटी था. इसी सोसाइटी से आरोपी ग्राम प्रधान यज्ञदत्त ने कुछ ज़मीन खरीदी थी. जिस पर कब्ज़े के लिए उसके तीन सौ समर्थक हथियार लेकर 17 जुलाई को उम्भा गांव पहुंचे थे. जब गांव वालों ने विरोध किया तो प्रधान के समर्थकों ने फ़ायरिंग कर दी.
यूपी सरकार की तरफ से बताया गया था कि आदर्श सोसाइटी कांग्रेस नेता ने बनाई थी. ये सोसाइटी बिहार से राज्य सभा के सांसद रहे महेश्वर नारायण सिंह की थी. जिनके चाचा चंद्रेश्वर नारायण सिंह यूपी के गवर्नर थे. वे 1980 से लेकर 1985 तक राज्य के राज्यपाल रहे.
डीएम की रिपोर्ट के मुताबिक महेश्वर नारायण सिंह ने उस समय के राजा आनंद शाह से जमीन लेकर सोसाइटी बनाई थी. बाद में 1989 में इसी सोसाइटी की कुछ जमीन एक आईएएस अफसर और उनके रिश्तेदारों के नाम कर दी गई.
ग्राम प्रधान यज्ञदत्त ने आईएएस अधिकारी से खरीदी गई 90 बीघा जमीन पर कब्जे के लिए बड़ी संख्या में अपने साथियों के साथ पहुंचकर जमीन जोतने की कोशिश की. विरोध करने पर उसकी तरफ के लोगों ने स्थानीय ग्रामीणों पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं थीं.